3 अगस्त 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

4 जिलों के 5 अस्पतालों में बेटे के इलाज के लिए चक्कर काटता रहा फौजी पिता; अब CM धामी ने लिया बड़ा एक्शन

Uttarakhand News: एक फौजी पिता ने अपने 1 साल के बेटे के इलाज के लिए 4 जिलों के 5 अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन उसके बेटे की जान नहीं बच सकी। मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा एक्शन लिया है।

Pushkar Singh Dhami
सीएम पुष्कर सिंह धामी। फोटो सोर्स-फेसबुक

Uttarakhand News: उत्तराखंड में एक फौजी पिता दिनेश जोशी ने अपने बेटे के इलाज के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन उसके बेटे को इलाज नहीं मिल सका। इस वजह से फौजी के 1 साल के मासूम बेटे की मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं।

4 जिलों के 5 अस्पतालों में बच्चे को किया गया रेफर

बताया जा रहा है कि बच्चे को इलाज के लिए 4 जिलों के 5 अस्पतालों में रेफर किया गया था। ICU में बच्चे की मौत हुई। चमोली के ग्वालदम निवासी एक आर्मी ऑफिसर दिनेश जोशी के बेटे शुभांशु जोशी को गंभीर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई दिए। जिसके बाद उसे सबसे पहले गांव के ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया। वहां सुविधाओं की कमी के चलते बागेश्वर और अल्मोड़ा के चार अन्य अस्पतालों में परिवार को बच्चे को ले जाना पड़ा।

हल्द्वानी में हुई बच्चे की मौत

आखिर में बच्चे को नैनीताल के हल्द्वानी ले जाया गया जहां 6 दिन बाद मासूम की मौत हो गई। चमोली के ग्वालदम स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एक कर्मचारी नारायण देवरारी का मामले को लेकर कहना है कि 10 जुलाई को करीब 1.50 बजे बच्चे शुभांशु जोशी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। बच्चे को लगातार उल्टियां हो रही थी। इसके बाद बच्चे को 22 किलोमीटर दूर बागेश्वर के बैजनाथ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया। कर्मचारी नारायण देवरारी के मुताबिक, उनके यहां कोई बाल रोग विशेषज्ञ बच्चे को देखने के लिए मौजूद नहीं था।

बच्चे के मस्तिष्क में ब्लड फ्लो में समस्या

बच्चे का इलाज बैजनाथ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तो हुआ लेकिन वहां उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसे 20 किलोमीटर दूर बागेश्वर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुमार आदित्य तिवारी का कहना है कि बच्चे के मस्तिष्क में ब्लड फ्लो में समस्या हो रही थी। उन्होंने कहा कि बच्चे को, बाल चिकित्सा ICU की कमी के कारण उच्चतर केंद्र रेफर किया गया। अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट के नहीं होने की बात भी उन्होंने कही। अगर बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलतीं तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। घटना की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।

बता दें कि बच्चे को इलाज के लिए वहां से 68 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। यहां से बच्चे को हल्द्वानी के एक अस्पताल में रेफर किया गया। 16 जुलाई को बच्चे की मौत हो गई।

मामले को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लिया एक्शन

मामले को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''बागेश्वर में एक मासूम बच्चे की चिकित्सा में लापरवाही से मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। जैसा कि अभी तक सूचना प्राप्त हुई है, उनसे प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कतिपय स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है।

इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई जाती है तो दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी।''