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गंगोत्री घाटी में तबाही: एक झटके में मिटी वर्षों की कमाई, सेना का कैंप तबाह, देखें- वीडियो

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से धराली और हर्षिल दोनों जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। धराली गांव में खीरगंगा नदी में बाढ़ आने से लोगों की सालों की मेहनत से बनाई गई संपत्ति पल भर में मलबे के नीचे दब गई। वहीं, हर्षिल में तेलगाड़ में बादल फटने से सेना का कैंप भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

Uttarakhand Cloudburst
Uttarakhand Cloudburst

उत्तराखंड की हर्षिल घाटी में मंगलवार को कुछ घंटों के अंतराल में तीन जगहों पर बादल फटने से लोग दहशत में आ गए। सबसे पहले, धराली में खीर गंगा नदी में बादल फटा। इससे पानी और मलबा बहकर आया और वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

हर्षिल का हेलीपैड मलबे में दबा

इसके थोड़ी देर बाद, हर्षिल के पास तेलगाड़ में बादल फटा। इससे हर्षिल का हेलीपैड मलबे में दब गया। सेना के कैंप में भी पानी घुस गया। इसके अलावा, सुक्की के पास अवाना बुग्याल में भी बादल फटा, जिससे भागीरथी नदी में एक झील जैसी स्थिति बन गई।

स्थानीय जानकारी के अनुसार, दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर खीरगंगा में बादल फटने से तबाही मची। इसके आधे घंटे बाद तेलगाड़ में बादल फटने से पानी और मलबा तेजी से बहकर आया, जिससे गंगोत्री हाईवे हर्षिल और धराली दोनों जगह क्षतिग्रस्त हो गया। हर्षिल के हेलीपैड पर पांच से छह फीट मलबा भर गया, और सेना के कैंप में पानी व मलबा घुसने से काफी नुकसान हुआ। अवाना बुग्याल से आने वाला नाला भी उफान पर था। भूस्खलन के कारण भागीरथी नदी में तीन नदियों का मलबा और पानी एक साथ आने से एक झील बन गई।

पुश्तैनी संपत्तियां, होटल और रेस्टोरेंट तबाह

धराली में बाढ़ से कई लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां, होटल और रेस्टोरेंट तबाह हो गए। सेब के बागान भी नष्ट हो गए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शादुल गुसाईं के अनुसार, धराली में 25 से 30 लोग लापता हैं। 20 से 25 होटल और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। तेलगाड़ में बादल फटने से सेना के कैंप को काफी नुकसान पहुंचा है। सेना की चौकियां व बंकर मलबे में दब गए हैं। सेना ने आपदा में 11 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है।