दौसा। जिले में एक इमारत के उद्घाटन समारोह में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस श्रीराम कल्पाती राजेन्द्रन ने अपने भाषण के दौरान झालावाड़ स्कूल हादसे पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि जिस भवन का वे उद्घाटन कर रहे हैं, उम्मीद करते हैं कि वह 50 साल तक खड़ा रहेगा।
दरअसल, दौसा जिला न्यायालय परिसर में एक नवर्निमित भवन का गुरुवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्रीराम कल्पाती राजेन्द्रन उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अखबारों में पढ़ा और सुना कि स्कूल का भवन गिर गया और मासूमों की जान चली गई। वे आशा करते हैं कि पीडब्ल्यूडी ने इस भवन में ऐसे प्रयास किए होंगे कि कम से कम 50 साल तो खड़ा रहे।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे दिमाग में ये होना चाहिए कि हम जो कुछ भी काम करें, उसे दिल लगाकर करें। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट को न्याय का मंदिर कहते हैं। मंदिर में पुजारी भी होते हैं, वो यहां एडवोकेट्स हैं।
न्याय की गुहार लेकर आए व्यक्ति की पुकार को वकील ऐसे रखें कि ईश्वर से उन्हें जो चाहिए, वह मिले। उन्होंने कहा कि सर्वशक्तिमान भगवान है, उन पर पूरा विश्वास है। जो भी होता है, भगवान करता है। हम सिर्फ उनकी कठपुतली हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भगवान शरीर और आत्मा का इस्तेमाल अपना संदेश देने के लिए करते हैं। शायद भगवान ने ही राजस्थान के लोगों को न्याय देने के लिए उनके शरीर और आत्मा को चुना। इस दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीवप्रकाश शर्मा और न्यायाधीश समीर जैन ने भी विचार व्यक्त किए। मुख्य न्यायाधीश ने शाम को मेहंदीपुर बालाजी पहुंचकर दर्शन भी किए।
Updated on:
31 Jul 2025 10:03 pm
Published on:
31 Jul 2025 10:02 pm