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शिव गण नंदी के पिता कौन है, शिलाद मुनि के बारे में जानिए यह रोचक तथ्य

Shiv Gan Nandi bhagwan

दमोह

Samved Jain

Aug 05, 2025

Shiv Gan Nandi bhagwan
Shiv Gan Nandi bhagwan

दमोह. स्थानीय सिविल वार्ड 7 स्टेडियम के पास रीना सोनी, रूप कुमार सोनी के निवास पर चल रहे शिव महापुराण कथा के आठवें दिवस में कथा व्यास पंडित रवि शास्त्री ने भगवान नंदी के जन्म की कथा को विस्तार से समस्त भक्तों को श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि नंदी स्वयं भगवान शिव के अवतार थे, जो शिलाद मुनि के यहां नंदी के रूप में प्रकट हुए थे। शिलाद मुनि ने अयोनिज पुत्र मांगा था, अयोनिज का मतलब होता है जो गर्भ से जन्म न ले अर्थात प्रकट होवे। नंदी के जन्म के विषय में कथा इस प्रकार आई है कि यह शिलाद मुनि के पुत्र थे। शिलाद मुनि के ब्रह्मचारी हो जाने के कारण वंश समाप्त होता देख उनके पितरों ने अपनी चिंता शिलादमुनि को बताई। मुनि योग और तप में व्यस्त रहने के कारण गृहस्थ आश्रम नहीं अपनाना चाहते थे। शिलादमुनि ने संतान की कामना के लिए इंद्रदेव का तप कर उन को प्रसन्न किया और जन्म और मृत्यु से हीन पुत्र का वरदान मांगा, लेकिन इंद्रदेव ने यह वरदान देने में असमर्थता प्रकट की। भगवान शिव को प्रसन्न करने को कहा भगवान शंकर ने शिलाद मुनि की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर स्वयं शिलाद मुनि के पुत्र रूप में प्रकट होने का वरदान दिया। कुछ समय बाद भूमि जोतते समय शिलाद मुनि को एक बालक मिला मुनि ने उसका नाम नंदी रखा उसको बड़ा होते देख भगवान शंकर ने मित्र और वरुण नाम के दो मुनि शिलाद के आश्रम में भेजे। उन्होंने नंदी को देख कर भविष्यवाणी की की नंदी अल्प आयु है नंदी को जब यह ज्ञात हुआ तो वहां महादेव की आराधना से मृत्यु को जीतने के लिए वन में चला गया। वन में उसने शिवजी का ध्यान आरंभ किया। भगवान शिव ने नंदी के तप से प्रसन्न हुए उन्होने दर्शन दे वरदान दिया कि तुम मृत्यु के भय से मुक्त व अजर अमर रहोगे, मेरे वाहन बनोगे। भगवान शंकर ने पार्वती की सम्मति से संपूर्ण गणों के अधिपति के रूप में नंदी का अभिषेक करवाया इस तरह नंदी नंदीश्वर हो गए।