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तुलसीदास की रचनाएं, जो बताती हैं राम कहानी का एक-एक किस्सा

क्या है वह कलम, क्या है वह वाणी, जिसने रच दी राम कहानी हिन्दी लेखिका संघ ने तुलसीदास का स्मरण किया

दमोह

Samved Jain

Aug 05, 2025

Tulsidas jayanti
Tulsidas jayanti

दमोह. हिन्दी लेखिका संघ ने सरस्वती कन्या विद्यालय के सभाकक्ष में तुलसी जयंती की पूर्व संध्या पर काव्यांजलि आयोजित की। मां सरस्वती के पूजन एवं वंदना के पश्चात आगामी वार्षिक कार्यक्रम व सुरम्या के विषय में चर्चा हुई। द्वितीय चरण में संत शिरोमणि तुलसीदास को समर्पित रचनाओं का पाठ हुआ।
पुष्पा चिले ने कहा बलिहारी रत्ना तेरी, कर दीन्हा उद्धार, पाए तुलसी राम को, यश गाये संसार। डॉ. प्रेमलता नीलम ने पढ़ा हुलसी सुत तुलसी भये, राम भक्ति में लीन, जन जन के मन में बसे मानस सर के मीन। डॉ. इन्द्र जीत कौर ने पढ़ा राम नाम जपते रहे, तुलसी आठों याम। शिव कुमारी शिवहरे ने पढ़ा तुलसी ग्रन्थ गए रचके, तब राम कथा सुनने मिलती। साधना बिरथरे ने कहा क्या है वह कलम, क्या है वह वाणी, जिसने रच दी राम कहानी। पद्मा तिवारी ने कहा श्रावण शुक्ला सप्तमी मूल नक्षत्र में जन्मे थे, तुलसी संत शिरोमणि थे। उमा नामदेव ने कहा कोटि कोटि प्रणाम तुलसी दास आपको, रामचरित के पन्नों में लिख दिया सियाराम। मनोरमा रतले ने कहा हुलसी के लाल आप क्या से क्या हो गए, रच मानस तुलसी से तुलसीदास हो गए। भावना शिवहरे ने पढ़ा मानस के रचयिता को बारंबार प्रणाम। कमलेश शुक्ला ने कहा धन्य भाग्य मां हुलसी तुम्हारे, जन्मे तुलसी से लाल तुम्हारे। अर्चना राय ने कहा प्रतिकूल समय में भी रच डाला, रामायण महाकाव्य। आराधना राय ने कहा अकूत ज्ञान धन के भंडारए तुलसी कठिन तपस्या के आधार। इस दौरान अन्य कवियों ने भी रचनाएं पढ़ीं।