दमोह. देश में सबसे गंदे शहर का तमगा हासिल कर चुका दमोह स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग २०२४ में मप्र में सबसे गंदे शहर की लिस्ट में टॉप थ्री में हैं। ५० हजार से ३ लाख तक आबादी वाले नगरों में शामिल प्रदेश के ५६ निकायों में से दमोह ने ५४वां स्थान प्राप्त किया है, दूसरे पर डबरा तो निचले पायदान से पहले पर जबलपुर केंट है। इतना ही दमोह संभाग और नेशनल रैंकिंग में फिसड्डी ही रहा है। दमोह की नेशनल रैंकिंग ३१० दर्ज की गई है, जबकि बीते साल दमोह टॉप १०० में शामिल रहा था। स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग आने के बाद नगरपालिका की सफाई व्यवस्था की पोल पूरी तरह खुल गई है।
रीड्यूस, रीयूज और रीसाइकल थीम पर हुए स्वच्छता सर्वेक्षण को चार फेस में किया गया किया गया था। यूएलबी, स्टेट और नेशनल स्तर पर टीमों ने सर्वेक्षण किया था। इसके अलावा सर्टिफिकेशन के लिए अलग टीमों ने सर्वेक्षण किया था। दमोह शहर से करीब २१६ लोकेशन के फोटो अपलोड किए गए थे। सर्वेक्षण और सर्टिफिकेशन के १२५०० अंक रखे गए थे। जिसमें से दमेाह नगरपालिका के महज ७४४९ अंक ही प्राप्त हो सके हैं।
इन बिंदुओं पर होता काम तो बढ़ती रैंकिंग
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में ६६ प्रतिशत काम।
सोर्स सेग्रीगेशन में २८ प्रतिशत काम।
वॉटर बॉडीज सफाई महज ६७ प्रतिशत मिली।
पब्लिक टॉयलेट्स सफाई ५० प्रतिशत ही रही।
गारबेज फ्री सिटी में एक भी स्टार नहीं मिला।
इन कमियों को भी नहीं किया जा सकता अनदेखा
सीधी बात: राजेंद्र सिंह लोधी, सीएमओ नगरपालिका दमोह
सवाल: रैंकिंग पर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: रैंकिंग काफी निराशाजनक रही है। अगले वर्ष ऐसी स्थिति न बने, प्रयास किया जाएगा।
सवाल: क्या कमियां रह गई?
जवाब: कमियां तो स्टार सर्वेक्षण और सर्टिफिकेशन दोनों मे ही रह गई हैं। शेष हम सब समीक्षा कर रहे हैं।
सवाल: किसी की कोई जिम्मेदारी तय की है क्या?
जवाब: बीते सर्वेक्षण के दौरान किसने क्या किया, इस पर फिलहाल फोकस नहीं है, क्योंकि उस वक्त मैं नहीं था। अभी नई कार्ययोजना बना रहे हैं।
सवाल: आगे क्या प्लान है?
जवाब: पूरे साल काम करेंगे। टॉप १० में आना ही लक्ष्य रहेगा।
Published on:
20 Jul 2025 12:32 pm