दमोह. स्थानीय सिविल वार्ड 7 स्टेडियम के पास रूप नारायण सोनी रीना सोनी के निवास पर नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण की कथा चल रही है। जिसके अंतर्गत नित्य प्रात: 7 बजे से रुद्री निर्माण व 9 बजे से रुद्राभिषेक कराया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, गंगाजल नर्मदा जल यमुना जल भस्म विजया से रुद्राष्टाध्यायी द्वारा विधिवत रुद्राभिषेक स्नान कराया जा रहा है। भगवान के विवाह की कथा के पूर्व उनके लिए हल्दी चढ़ाई गई। माताओं के द्वारा विवाह गीत गाए गए। वहीं शिव पुराण कथा में कथा व्यास पंडित रवि शास्त्री महाराज के द्वारा अपरान्ह 3 बजे से शिव पार्वती के विवाह का दिव्य प्रसंग भक्तों को श्रवण कराया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि जब शिवजी का विवाह हो रहा है। तब नारद ने सभी को बताया कि भगवान स्वयं भू हैं, नहीं इनके माता पिता ही नहीं हैं। इनकी कोई विरासत नहीं है, इनका कोई गोत्र नहीं है। इनके पास कुछ नहीं है। इनके पास अपने खुद के अलावा कुछ नहीं है। पूरी सभा चकरा गई। पर्वत राज ने कहा हम ऐसे लोगों को जानते हैं जो अपने पिता या माता के बारे में नहीं जानते। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हो सकती है। हर कोई किसी न किसी से जन्मा है, ऐसा कैसे हो सकता है कि किसी का कोई पिता या मां ही न हो। नारद ने जवाब दिया, क्योंकि यह स्वयंभू हैं। इन्होंने खुद की रचना की है। इनके पास कोई राज्य है। यह एक योगी हैं और इन्होंने सारे अस्तित्व को अपना एक हिस्सा बना लिया है, इनके लिए सिर्फ एक वंश है। ध्वनि आदि शून्य प्रकृति ने जब अस्तित्व में आई तो अस्तित्व में आने वाली पहली चीज थी। ध्वनि इनकी पहली अभिव्यक्ति एक ध्वनि के रूप में है, ये सबसे पहले एक ध्वनि के रूप में प्रकट हुए। उसके पहले ये कुछ नहीं थे। शास्त्री ने बताया कि सती के वियोग में शिव ने वैराग्य धारण कर लिया और ध्यान में लीन हो गए। सती ने अगले जन्म में हिमालयराज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। बाल्यकाल से ही वे शिव की आराधना करने लगे। नारद मुनि ने उन्हें बताया कि वे कठिन तपस्या से ही शिव को प्राप्त कर सकती हैं।
इस अवसर पर शिव पार्वती के पवित्र मिलन का उत्सव मनाया। रूद्री निर्माण रुद्राभिषेक के लिए बडी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं।
बांदकपुर मंदिर परिसर में भक्तों को किया गया प्रसाद वितरण
दमोह. जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है। भगवान जागेश्वर नाथ महादेव को जल अर्पित कर जल अभिषेक किया जा रहा है। बम बम भोले की जयकारे गूंज रहे है। हेमेंद्र असाटी राजन द्वारा बांदकपुर मंदिर परिसर में भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। बांदकपुर मंदिर प्रबंधक रामकृपाल पाठक ने बताया कि बुंदेलखंड का प्रमुख आस्था का केंद्र देव श्री जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर में दिव्य स्वयंशंभू शिवलिंग विराजमान है। जिनकी ख्याति संपूर्ण भारत में फैली हुई है। 13 वे ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान भगवान जागेश्वर नाथ महादेव है।
Published on:
05 Aug 2025 10:06 am