Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जब किसी ने नहीं दिया भारत की महिला क्रिकेट टीम का साथ! तब मंदिरा बेदी ने उठाया था ये कदम, जानें पूरी कहानी

Women's World Cup 2025 की चैंपियन टीम इंडिया की दुनियाभर में तारीफ हो रही है लेकिन एक वक्त था, जब भारतीय महिला टीम की हालात इतनी दयनीय थी कि विदेशी टूर्स पर होटल में रहना भी मुश्किल होता था।

2 min read
Google source verification
India Women's Cricket team

भारतीय महिला क्रिकेट टीम और मंदिरा बेदी (फोटो- IANS)

India Women's Cricket Team: आईसीसी वूमेंस वर्ल्ड कप 2025 में खिताबी जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम का नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों से लिखवा दिया है। इस समय पूरी दुनिया में हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली टीम की तारीफ हो रही है, लेकिन इस सफलता के पीछे की कहानी बहुत कम लोग जानते हैं। एक दौर था जब वूमेंस टीम का हालत दयनीय थी। साल 2003 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास इग्लैंड जाने के लिए टिकट खरीदने तक के पैसे नहीं थे, तब अभिनेत्री मंदिरा बेदी आगे आईं और टीम के सपनों को उड़ान भरवाने में मदद की।

मंदिरा की वजह से इंग्लैंड जा पाई टीम इंडिया

उस वक्त वूमेंस टीम का संचालन बीसीसीआई नहीं करता था। महिला क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WCAI) किसी तरह खिलाड़ियों को संभाल रही थी। बता दें कि उस समय टीम में मिताली राज, झूलन गोस्वामी, अंजुम चोपड़ा जैसी धुरंधर खिलाड़ी थीं, लेकिन इंग्लैंड दौरे पर होटल में रहने और आने-जाने का इंतजाम तक कर पाना टीम के लिए मुश्किल था। तब मंदिरा अपने करियर में टॉप पर चल रही थीं। उस वक्त उन्हें एक डायमंड ज्वेलरी ब्रांड का ऐड मिला हुआ था। उसी दौरान उन्हें टीम की हालत का पता चला। तब उन्होंने बिना कुछ सोचे ऐड का पूरा पैसा वूमेंस टीम को दे दिया। इसी पैसे की बदौलत पूरी टीम इंग्लैंड जा पाई।

मंदिरा यहीं नहीं रुकीं, अपने सोर्सेस का इस्तेमाल करके उन्होंने और भी कंपनियों से पैसे जुटाए। इसके बाद तीन साल तक मंदिरा चुपचाप टीम का सहारा बनी रहीं। 2006 में महिला क्रिकेट टीम का संचालन BCCI करने लगा।

सुनील गावस्कर की बहन ने बताया सच

भारतीय क्रिकेट इतिहास के महान बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर की बहन नूतन गावस्कर उस वक्त WCAI में थीं। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड के एक दौरे पर हमारे पास होटल में रहने तक का पैसा नहीं था। लड़कियां को एनआरआई परिवारों के घरों में रहना पड़ा था। जब टीम को इंग्लैंड जाना था तो मंदिरा ने टीम के लिए अपनी मेहनत की कमाई से टिकट बुक किए, यह बात आज तक किसी को नहीं पता।

हैरान करने वाली बात ये है कि मंदिरा ने कभी इस बारे में किसी को नहीं बताया। वह नहीं चाहती थीं कि सबको पता चले। ना कोई इंटरव्यू, ना कोई पोस्ट, बस चुपचाप मदद की और करती चली गईं। आज जब हरमनप्रीत की टीम ने वर्ल्ड कप जीता है तो पूरी दुनिया BCCI की तारीफ कर रही है लेकिन इस जीत में कहीं न कहीं मंदिरा बेदी का योगदान अतुलनीय है।