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टूटी अंगुली के साथ फाइनल खेली थी ये खिलाड़ी, वर्ल्डकप के 2 दिन बाद हुआ खुलासा

आईसीसी वूमेंस वर्ल्डकप 2025 में ऋचा बांग्‍लादेश के खिलाफ मैच नहीं खेल पाई थीं। उनकी जगह उमा छेत्री को प्‍लेइंग इलेवन में मौका मिला। इसके बाद घोष ने नॉकआउट मैचों में टीम में वापसी की और विकेट के पीछे अपनी जिम्‍मेदारी निभाई।

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Richa Ghosh

ऋचा घोष (फोटो- IANS)

INDW vs SAW, Women's World Cup 2025: 2 नवंबर 2025 की वो तारीख थी, जिस दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीता। इस मुकाबले में जीत के लिए पूरी टीम ने अपनी ताकत झोंक दी, उनमें से एक हैं ऋचा घोष, जिसने भारत को जीत दिलाने के लिए फाइनल में तूफानी पारी खेली थी। ऋचा मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में 2 नवंबर की रात को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी ओवरों में 24 गेंदों में 34 रन की पारी खेली, जिससे भारतीय टीम 298 के कुल स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रही।

फाइनल के 2 दिन बाद बड़ा खुलासा

फाइनल मैच के दो दिन बाद ऋचा को लेकर उनके कोच ने बड़ा खुलासा किया। जिसे जानकर क्रिकेट फैंस दंग रह जाएंगे। दरअसल ऋचा टूटी हुई अंगुली के बावजूद मैदान पर उतरीं और भारत को वर्ल्‍ड चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस बात का खुलासा उनके कोच ने किया। ऋचा ने 133.52 की स्ट्राइक रेट से आठ पारियों में 235 रन बनाए और विश्व कप में सबसे अधिक छक्के (12) लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

ऋचा घोष के बाएं हाथ की मिडिल फिंगर में हेयरलाइन फ्रैक्चर था। ऋचा ने 41 से 50 ओवर के बीच इस टूर्नामेंट में 165.17 की स्ट्राइक रेट से 185 रन बनाए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ 77 गेंदों पर 94 रन की पारी खेलते हुए उन्होंने महिला वनडे इतिहास में नंबर 8 बल्लेबाज के तौर पर सबसे बड़ी पारी खेली और सबसे तेज 1000 वनडे रन पूरा करने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।

ऋचा घोष के कोच साहिब शंकर पॉल ने स्पोर्टस्टार को बताया कि सेमीफाइनल से पहले उनके बाएं हाथ की बीच की अंगुली में हेयरलाइन फ्रैक्चर था। दर्द होने के बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी की। मैंने उनसे कहा था कि चाहे वह कहीं भी बल्लेबाजी करें, अपने हर शॉट पर भरोसा रखना होगा और ऋचा ने ऐसा ही किया।

बांग्लादेश के खिलाफ नहीं खेल पाई थीं ऋचा

वर्ल्डकप के दौरान चोट की वजह से ऋचा बांग्‍लादेश के खिलाफ लीग स्‍टेज मैच नहीं खेल पाई थीं। उनकी जगह उमा छेत्री को प्‍लेइंग इलेवन में मौका मिला। इसके बाद घोष ने नॉकआउट मैचों में टीम में वापसी की और विकेट के पीछे अपनी जिम्‍मेदारी निभाई। फाइनल मुकाबले की बात करें तो भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट गंवाकर 50 ओवर में 298 रन बनाए थे। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 में 246 रन पर ढेर हो गई।