
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्स (Photo - EspnCricInfo)
Jemimah Rodrigues, India vs Australia, Women World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्स ने 2025 महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 127 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 339 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था, जिसे भारतीय टीम ने नौ गेंद शेष रहते पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया। यह महिला क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज बन गया। जेमिमा को उनकी शानदार पारी के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार मिला।
हालांकि, जेमिमा के लिए यह पारी सिर्फ मैदान पर बल्ले से रन बनाने तक सीमित नहीं थी। वह पिछले कुछ समय से निजी और मानसिक चुनौतियों से जूझ रही थीं। पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में जेमिमा ने खुलासा किया कि वह चिंता (एंजाइटी) और मानसिक तनाव से गुजर रही हैं, और रोजाना रोया करती थीं। इसके अलावा पिछले साल उन्हें तब बुरे दौरे से गुजरना पड़ा था, जब उनके पिता पर 'धर्मांतरण' के गंभीर आरोप लगे थे और मुंबई के सबसे पुराने क्लबों में से एक खार जिमखाना ने उनकी मेंबरशिप खत्म कर दी थी।
खार जिमखाना के कुछ अधिकारियों और सदस्यों ने दावा किया था कि इवान रॉड्रिग्स ने क्लब के परिसर का उपयोग धार्मिक आयोजनों और कथित तौर पर धर्म परिवर्तन के लिए किया। प्रबंध समिति के सदस्य शिव मल्होत्रा ने कहा था, "जेमिमा के पिता ब्रदर मैनुअल मिनिस्ट्रीज नामक संगठन से जुड़े थे। उन्होंने डेढ़ साल तक प्रेसिडेंशियल हॉल बुक किया और 35 धार्मिक आयोजन किए। हम सभी जानते हैं कि वहां क्या हो रहा था। हम पूरे देश में धर्मांतरण के बारे में सुनते हैं, लेकिन यह हमारी नाक के नीचे हो रहा है। यह क्लब के संविधान के नियम 4ए का उल्लंघन है, जो किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं देता।" इस विवाद ने जेमिमा और उनके परिवार पर गहरा प्रभाव डाला।
अपनी शतकीय पारी के बाद जेमिमा ने भावुक होकर कहा, "सबसे पहले मैं जीसस का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे इस मुश्किल समय में संभाला। मैं अपनी मां, पिताजी, कोच और उन सभी का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझ पर भरोसा रखा। पिछले चार महीने मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे, लेकिन आज का दिन सपने जैसा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरा लक्ष्य सिर्फ भारत के लिए यह मैच जीतना था। हम अक्सर मुश्किल परिस्थितियों में हारते रहे हैं, लेकिन मैं वहां रहकर जीत दिलाना चाहती थी। यह मेरे 50 या 100 रनों का दिन नहीं था, यह भारत को फाइनल में पहुंचाने का दिन था। मुझे कुछ मौके मिले, लेकिन मुझे विश्वास है कि भगवान ने सब कुछ सही समय पर तय किया है। अगर आप सही इरादों से काम करते हैं, तो वह हमेशा आशीर्वाद देते हैं।"
जेमिमा ने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में खुलकर बताया, "इस पूरे टूर्नामेंट में मैं लगभग हर दिन रोई। मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं थी और बहुत ज्यादा एंजाइटी से गुजर रही थी। मैंने बाइबिल के कुछ अंश पढ़े, जिनसे मुझे ताकत मिली। यह मेरे लिए एक और चुनौती थी, लेकिन मैंने सिर्फ खेलने पर ध्यान दिया और बाकी भगवान पर छोड़ दिया।"
Updated on:
31 Oct 2025 08:01 am
Published on:
31 Oct 2025 07:46 am
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