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विश्व कप फाइनल से पहले मंदिरों में भारतीय खिलाड़ियों के परिजन, कोई सैकड़ों KM की यात्रा पर तो किसी ने की विशेष पूजा

Indian Women's Players Families on visit Temples: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच महिला विश्व कप 2025 के खिताबी मुकाबले का सभी को बेसब्री से इंतजार है। आज खेले जाने वाले इस महामुकाबले में जहां हर कोई भारतीय फैन टीम इंडिया की जीत की दुआ कर रहा है तो वहीं खिलाड़ियों के परिजन भी मंदिरों में मन्‍नत मांग रहे हैं।

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भारत

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lokesh verma

Nov 02, 2025

Indian Women's Players Families on visit Temples

भारतीय महिला क्रिकेट टीम। (फोटो सोर्स: एक्‍स@/BCCI)

Indian Women's Players Families on visit Temples: आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का फाइनल आज 2 नवंबर को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सामना साउथ अफ्रीका से होगा। इससे पहले हर भारतीय फैन भारत के चैंपियन बनने की दुआ कर रहा है तो वहीं खिलाड़ियों के परिवार भी अलग-अलग तरीके से बेटियों की जीत के लिए मंदिरों में मन्‍नत मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश के एक कस्बे से मुंबई तक एक टेंपो ट्रैवलर 21 घंटे की सड़क यात्रा पर है, जिसमें तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ के भाई समेत 18 लोग सवार हैं। वहीं, ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के भाई आगरा-मुंबई ट्रेन से रवाना हो गए हैं। ओपनर शैफाली वर्मा के पिता राजस्थान के एक मंदिर की 300 किलोमीटर की यात्रा कर हरियाणा लौटे हैं। मुंबई में, ऋचा घोष, कप्तान हरमनप्रीत कौर और अन्य के परिवार भी मंदिरों में मत्‍था टेक रहे हैं।

हम सालों का सूखा खत्म होते देखेंगे- दीप्ति के भाई

भारतीय महिला क्रिकेट टीम फाइनल में साउथ अफ्रीका से भिड़ने को तैयार है तो उनके परिवार के भी प्रार्थना कर रहे हैं। इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दीप्ति का सपना पूरा करने के लिए एक दशक पहले कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ने वाले उनके भाई सुमित कहते हैं कि ऐसा लग रहा है कि हम सालों का सूखा खत्म होते देखेंगे और उसे हरा-भरा बना देंगे।

क्रांति के भाई समेत 18 लोग मैच देखने रवाना

क्रांति के भाई मयंक मध्य प्रदेश के घुवारा स्थित अपने घर से मुंबई जा रहे हैं। उनके साथ घुवारा नगर पंचायत के अध्यक्ष, एक पूर्व राज्य स्तरीय क्रिकेटर और उनके बचपन में उनके साथ टेनिस-बॉल क्रिकेट खेलने वाले लोग भी शामिल हैं। उन्‍होंने बताया कि हमने एक टेम्पो ट्रैवलर किराए पर लिया है।

हम रविवार को ही मुंबई पहुंचेंगे। उन्‍होंने कहा कि पूरा घुवारा प्रार्थना कर रहा है कि भारत विश्व कप जीत जाए। मुंबई रवाना होने से पहले वे भी मंदिर गए। उन्‍होंने बताया कि मेरी मां घर पर ही एक विशेष पूजा करेंगी।

'पिता भी स्वर्ग से रेणुका को चीयर करेंगे'

हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू शहर के पास परसा गांव में रहने वाले रेणुका के भाई विनोद ने कहा कि रेणुका दी क्रिकेट के लिए जीती-जागती हैं और विश्व कप फ़ाइनल में पांच विकेट लेना उनकी कड़ी मेहनत का इनाम होगा। उन्होंने बताया कि उनके दिवंगत पिता ने उनका नाम क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर रखा था।

वह चाहते थे कि मैं या रेणुका दी भारत के लिए खेलें। वह भी स्वर्ग से चीयर करेंगे फ़ाइनल में रेणुका और टीम को। सिंचाई विभाग में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत विनोद भी प्रार्थना कर रहे हैं कि रविवार को कोई आपात स्थिति न आए।

शैफाली के कहने पर पिता ने मनसा देवी मंदिर में मांगी मन्‍नत

शैफाली के पिता संजीव राजस्थान के देहमी स्थित मनसा देवी मंदिर से वापस हरियाणा के रोहतक लौट आए हैं। उन्‍होंने कहा कि वह पहले भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थी, लेकिन हमारे बीच अक्सर यही चर्चा होती थी कि अगर विश्व कप उसकी किस्मत में है, तो ज़रूर होगा।

उन्‍होंने बताया कि जिस दिन उसे प्रतिका रावल की जगह टीम में शामिल होने का मौका मिला, उसने मुझे फ़ोन किया और कहा कि पापा, मेरे लिए प्रार्थना करने के लिए देहमी स्थित मनसा देवी मंदिर जाइए। पूरा परिवार मंदिर गया और शैफाली के साथ-साथ भारतीय टीम के विश्व कप जीतने की प्रार्थना की। विश्व कप जीतने के बाद हम फिर से जाएंगे।

हरमनप्रीत के कोच गुरुद्वारे में टेकेंगे मत्‍था

हरमनप्रीत के कोच कमलदीश सिंह सोढ़ी एक गुरुद्वारे जाने की योजना बना रहे हैं। कमलदीश का कहना है कि हम बहुत दूर हैं, लेकिन हमारी प्रार्थनाएं और शुभकामनाएं हरमनप्रीत और उनकी टीम के साथ हैं। ऑस्ट्रेलिया पर जीत के बाद मैंने हरमनप्रीत के पिता से बात की थी।

उन्होंने मुझसे कहा कि सर, आपकी बेटी और उनकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया है। मुझे लग रहा था कि यह टीम विश्व कप जीतेगी और हम सब कल यही प्रार्थना करेंगे। हमारा पूरा परिवार, बेटे और बहुएं, गुरुद्वारे में प्रार्थना करने जाएंगे।

'पूरा स्कूल श्री चरणी को अपना आदर्श मानता है'

दक्षिण में आंध्र प्रदेश के कडप्पा में बाएं हाथ की स्पिनर श्री चरणी के डीएवी स्कूल में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक नरेश ने ही सबसे पहले उनकी प्रतिभा को पहचाना और उसे निखारा, वह निजी काम से विशाखापत्तनम जा रहे हैं। उनका कहना है कि वह अपने फ़ोन पर मैच देखेंगे।

श्री चरणी खो-खो में बहुत अच्छी थी... जब उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो मुझे यकीन था कि वह जरूर अच्छा करेगी, क्योंकि उसकी फिटनेस और सहनशक्ति का स्तर बहुत अच्छा था। पूरा स्कूल उसे अपना आदर्श मानता है और उसे भारतीय टीम में खेलते देखना हर छात्र के लिए एक खास एहसास होता है।

'उन्होंने हमें सपने देखना सिखाया'

वहीं, विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष के माता-पिता, मानबेंद्र और स्वप्ना, और बहन शोमाश्री, न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत के मैच और सेमीफाइनल के लिए स्टेडियम में मौजूद थे। मानबेंद्र कहते हैं कि हम और अन्य खिलाड़ियों के परिवार समझते हैं कि इन लड़कियों को मैदान पर भी अपने सबसे बड़े समर्थकों अपने परिवारों की ज़रूरत है।

हम एक नियम का पालन करते हैं कि किसी भी मैच से पहले या बाद में क्रिकेट के बारे में बात न करें। जब उसे चोट लगी थी, तो मैंने उसे टीम की जीत पर बधाई दी थी और उसने अंगूठा दिखाया था; उसे पता था कि वह वापसी करेगी। लड़कियों की कड़ी मेहनत ही उन्हें यहां तक ​​लेकर आई है। उन्होंने हमें सपने देखना सिखाया है और वे इस विश्व कप में हमारे सपनों को साकार कर रही हैं।