Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वर्ल्ड कप जीतने के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बनवाया ‘स्‍पेशल टैटू’, पोस्‍ट ने सोशल मीडिया पर मचाई धूम

हरमन ने जीत के महज दो दिन बाद अपने दाहिने हाथ पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी का टैटू गुदवाया है।भारतीय कप्तान ने कैप्शन में लिखा, "हमेशा के लिए यह मेरी स्किन और मेरे दिल में छाप गया है।"

2 min read
Google source verification

भारत

image

Siddharth Rai

Nov 05, 2025

Harmanpreet Kaur

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (फोटो-पत्रिका)

Harmanpreet Kaur Tatto, Women's World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए 2 नवंबर सिर्फ एक कैलेंडर की तारीख नहीं रही। यह वो पल बन गया, जिसे आने वाली पीढ़ियां किताबों में पढ़ेंगी, स्टेडियमों में गूंजती तालियों में महसूस करेंगी। बीते रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में कुछ ऐसा हुआ, जिसके 1983 के वर्ल्ड कप की याद दिला दी। भारत ने महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर हरमनप्रीत कौर ने न सिर्फ कप्तानी का स्वर्णिम अध्याय लिखा, बल्कि खुद को इतिहास की उस कप्तान के रूप में स्थापित किया, जो पहली बार भारतीय महिलाओं को विश्व विजेता बनीं।

हरमनप्रीत ने बनवाया वर्ल्ड कप का टैटू

अब हरमनप्रीत ने जीत के महज दो दिन बाद, कुछ ऐसा किया जो उनके जज्बे को हमेशा के लिए अमर कर देगा। उन्होंने अपने दाहिने हाथ पर वर्ल्ड कप ट्रॉफी का टैटू गुदवाया है। इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीर में उनके हाथ में वर्ल्ड कप ट्रॉफी बनी हुई दिख रही है। साथ ही उस पर 52 लिखवाया है। यानी 52 साल के महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में भारत ने पहली बार खिताब जीता और फ़ाइनल मुक़ाबला भी 52 रन से ही जीता है। साथ ही जीत का साल 2025 भी लिखा है।

भारतीय कप्तान ने कैप्शन में लिखा, "हमेशा के लिए यह मेरी स्किन और मेरे दिल में छाप गया है। पहले दिन से तुम्हारा इंतजार कर रही थी और अब मैं हर सुबह तुम्हें देखूंगी और तुम्हारी आभारी रहूंगी।'

बीसीसीआई ने शेयर किता था भारतीय कप्तान का वीडियो

मंगलवार को बीसीसीआई ने हरमनप्रीत का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने विश्व कप और अपनी निजी यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताईं। वीडियो में हरमनप्रीत कहती हैं, “मेरे लिए यह बेहद भावुक पल है, क्योंकि जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, बचपन से यह मेरा सपना रहा है। जब से मैंने टीवी पर क्रिकेट देखना और खुद खेलना शुरू किया, तभी से विश्व कप जीतने की ख्वाहिश थी। और अगर मैं कप्तान बनूंगी, तो इसे किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहूंगी। लगता है, ये सारी बातें मैंने दिल से कही थीं और भगवान ने एक-एक करके उन्हें सुन लिया। यह किसी जादू से कम नहीं है। समझ नहीं आता कि सब कुछ चरणबद्ध तरीके से कैसे हो रहा है। हर चीज अपने आप एक के बाद एक पूरी होती गई और आज हम विश्व चैंपियन बन चुके हैं।”