सादुलपुर. एजीटीएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान 22 साल से फरार दस हजार का इनामी फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी वर्ष 2003 के बहुचर्चित हत्या के मामले में 22 वर्षों से फरार चल रहा था। आरोपी साधु का भेष बदलकर अलग-अलग राज्यों में पुलिस से छिपता हुआ फरारी काट रहा था। थाना अधिकारी राजेश कुमार सिहाग ने बताया कि एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए हत्या के मामले में पिछले 22 साल से फरार चल रहे दस हजार के इनामी आरोपी जयसिंह स्वामी को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि एसपी जय यादव के निर्देश पर जिले में अवैध कार्यों एवं फरार आरोपियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
हत्या का मामला और 22 साल की फरारी
आरोपी जयसिंह पुत्र धर्मसिंह निवासी रेडू मिठ्ठी थाना राजगढ़, जिला चूरू के खिलाफ वर्ष 2003 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। 6 जुलाई 2003 को मिठ्ठी रेडू गांव में ठाकुरजी के मंदिर से जुड़ी भूमि को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई थी। दोनों पक्षों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, जिसमें एक पक्ष के तीन और दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसी वारदात में आरोपी जयसिंह पर भी 3-4 लोगों पर गोली चलाने का आरोप था। उन्होंने बताया कि वारदात के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। आरोपी पर चूरू पुलिस अधीक्षक की ओर से दस हजार का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी के खिलाफ थाना राजगढ़ में तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
तकनीकी और जमीनी निगरानी लाई रंग
एजीटीएफ टीम बीते एक वर्ष से लगातार आरोपी की तलाश में जुटी हुई थी। तकनीकी निगरानी, खुफिया सूचनाएं और जमीनी स्तर पर प्रयासों के जरिए टीम को हाल ही में एक ठोस इनपुट मिला। इस पर काम करते हुए कांस्टेबल कपिल एजीटीएफ चूरू और कांस्टेबल सचिन राजगढ़ थाना ने अत्यंत सतर्कता व धैर्य के साथ लंबे समय तक निगरानी कर संभावित ठिकाने को चिन्हित किया। आखिरकार, एक गुप्त लोकेशन पर दबिश दी गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
टीमवर्क से हुआ संभव
पुलिस की इस कामयाबी को जिले में कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है। लंबे समय से फरार अपराधियों को पकड़ने की दिशा में यह कार्रवाई पुलिस की तकनीकी दक्षता और टीमवर्क का प्रमाण है। इस गिरफ्तारी से जिले में सक्रिय अन्य अपराधियों में भी खौफ और हड़कंप की स्थिति बन गई है।
इन्होंने निभाई भागीदारी
एजीटीएफ के हेड कांस्टेबल सज्जन कुमार रमाकांत तथा कांस्टेबल सचिन महेंद्र कपिल ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई है।
Published on:
06 Aug 2025 11:53 am