चित्तौडगढ़़. शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति यह है कि नालियां ओवरफ्लो हो रही है। कचरा उठाने की जगह उसे जलाया जा रहा है। बारिश के दौरान गंदगी के चलते बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है। इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। नगर परिषद क्षेत्र की सफाई व्यवस्था 400 से अधिक कर्मचारी संभाल रहे हैं। इसके बावजूद शहर की मुख्य सडक़ों को छोडकऱ रोड पर प्रतिदिन झाडू तक नहीं लगती है। नालियां कचरे के चलते ओवरफ्लो हो रही है। खाली प्लॉटों में गंदगी का अम्बार लगा हुआा है। उसमें उगी कंटिली झांडिय़ां और प्लास्टिक एवं अन्य कचरा भरा हुआ है। हवा चलते ही कचरा नालियों में भर जाता है। इससे नालियां चौक हो जाती है। गंदे पानी की निकासी नहीं होने के कारण मच्छर एवं मक्खी की भरमार हो रही है। वर्तमान में बारिश का सीजन चल रहा है। इससे बीमारी फैलने का अंदेशा बना रहता है। इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका खामियाजा आमजनता को उठाना पड़ रहा है।
शहर में सफाई कर्मचारी कचरे को एकत्र कर उसे जला रहे हैं। शहर के पावटा चौक में गत दिनों कचरा जलाया जा रहा था। चहुंओर धुंआ होने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध किया और जल रहे कचरे को बुझवाया गया। शहर के गंभीरी पुलिया मार्ग के निकट कचरे का ढेर लगा हुआ है। वहां भी प्रतिदिन कचरे को जलाया जा रहा है, जबकि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का स्पष्ट आदेश है कि कचरे को जलाया नहीं जाना चाहिए। उसका निस्तारण किया जाना चाहिए।
नगर परिषद के जानकारों के अनुसार शहर से प्रतिदिन 55 से 60 टन के करीब कचरा निकलता है। ऑटो टीपर के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से समय पर ऑटो टीपर के नहीं पहुंचने के कारण भी स्थिति विकट हुई है। कचरा संग्रहण के लिए बनाए गए स्थानों पर से भी नियमित कचरा उठना चाहिए।
शहर में खाली भूखण्ड धारकों को पहले भी नोटिस दिए गए थे। घर-घर कचरा संग्रहण के लिए टेण्डर हो चुके हैं। व्यवस्थाओं में जल्द सुधार होगा।
Published on:
12 Jul 2025 11:22 am