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Canal Project : 132 की जगह 30 किलोमीटर में सिमट सकता है रास्ता, महज 18 किमी से बीसलपुर पहुंचेगा पानी

राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी के तहत प्रस्तावित ब्राह्मणी नदी पर बनने वाले बैराज और उसके पानी को बीसलपुर बांध तक लाकर सरकार के करोड़ों रुपए बचाए जा सकते हैं। इससे 132 किमी की जगह माह 30 किमी में ही काम करना होगा।

संदीप सुराणा@ बेगूं. राजस्थान की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी के तहत प्रस्तावित ब्राह्मणी नदी पर बनने वाले बैराज और उसके पानी को बीसलपुर बांध तक ले जाने की 11 साल पुरानी योजना में अब एक ऐसा शॉर्टकट सामने आया है, जो न सिर्फ करोड़ों रुपए और समय बचा सकता है, बल्कि बेगूं और आसपास के इलाकों को बाढ़ से भी राहत दिला सकता है। सरकार जहां ब्राह्मणी नदी के पानी को 132 किलोमीटर लंबी नहर और टनल के माध्यम से बनास नदी में ले जाने की 693 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित हैए वहीं विशेषज्ञ एक वैकल्पिक मार्ग का सुझाव दे रहे हैंए जिससे यह दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी। इसमें भी केवल 18 किलोमीटर का ही नया मार्ग बनाना होगा। सरकार यदि इसके वैकल्पिक मार्ग का सर्वे करेए तो 132 किलोमीटर की वर्तमान दूरी को महज 30 किलोमीटर में बदला जा सकता है। इससे इस परियोजना में करोड़ों रुपए और बहुमूल्य समय की बचत संभव है।

कैसे बन सकता है यह वैकल्पिक मार्ग

बेगूं से निकलने वाली ब्राह्मणी नदी भैंसरोडगढ़़ में चंबल से मिलती हैए जबकि बेगूं उपखंड के विश्व प्रसिद्ध मेनाल से निकलने वाली मेनाली नदी भीलवाड़ा जिले के बीगोद के पास त्रिवेणी संगम में बनास नदी में विलीन हो जाती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बेगूं उपखंड में ब्राह्मणी नदी से मेनाली नदी की दूरी केवल 18 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्तए मेनाली नदी का सहायक बस्सी फतेहपुर का नाला ब्राह्मणी नदी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ही है। ब्राह्मणी नदी में कई सहायक नदियों और नालों का मिलन होता हैए और वर्षा काल के दौरान इन सभी में भरपूर पानी की आवक रहती है। सरकार ने ब्राह्मणी बैराज से 5000 क्यूसेक पानी ले जाने का लक्ष्य रखा हैए जिसे बेगूं के पास से ही पूरा कर बीसलपुर पहुंचाया जा सकता है। प्राकृतिक रूप सेए बेगूं की समुद्र तल से ऊंचाई मेनाली नदी ;सामरिया के निकट निकलने वालीद्ध की ऊंचाई से अधिक है। ऐसे में ब्राह्मणी के पानी को आसानी से थोड़ा मार्ग परिवर्तित कर या चैनल बनाकर मेनाली नदी से जोड़ा जा सकता है।

नदी परिवर्तन का दोहरा लाभरू बचत और बाढ़ से सुरक्षा

ब्राह्मणी नदी के पानी को बेगूं के पास से मेनाली नदी के माध्यम से बीसलपुर ले जाने में सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होगी हीए साथ ही बेगूं और आसपास के क्षेत्रों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। ब्राह्मणी नदी वर्षाकाल के दौरान अक्सर उफान पर आ जाती हैए जिससे बेगूं नगर के बाजार में पानी भर जाता है और लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है। बेगूं सहित भैंसरोडगढ़़ तक नदी किनारे बसे सभी गांवों को भी नदी के उफान से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

नगर और गांव होंगे बाढ़ मुक्त

ब्राम्हणी नदी के उफान से बाढ़ की समस्या का समाधान मेनाली में चेनल बनाकर पानी ले जाने से हो सकता है। मेनाली की दूरी ब्राम्हणी से केवल 15 किलोमीटर है। ईआरसीपी योजना के बाद मेनाली बांध बनने से नगर और गांव बाढ़ मुक्त हो सकते हैं।

  • श्यामलाल शर्मा, सेवानिवृत्त सहायक अभियंताए सिंचाई विभाग