राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में बीते माह जर्जर स्कूल भवन गिरने से सात बच्चों की हुई मौत की घटना से सबक लेकर राज्य सरकार जर्जर भवनों का सर्वे करवा रही है। चित्तौड़गढ़ जिले में जर्जर स्कूल भवनों की संख्या 250 के करीब पहुंच गई है। हालांकि इसमें से 42 स्कूलों की मरम्मत के लिए राशि मिलने के कारण संख्या में कमी आएगी। साथ ही करीब 60 जर्जर स्कूल भवनों को जमींदोज करने की तैयारी शुरू हो गई है।
झालावाड़ जिले में गत दिनों जर्जर विद्यालय भवन की छत गिरने से हुई दुर्घटना से सबक लेते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी जर्जर सरकारी भवनों का निरीक्षण एवं सर्वे का कार्य जारी है। इसमें शिक्षा विभाग की टीम के साथ ही स्थानीय जिला प्रशासन की टीम की ओर से भी सर्वे करवाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षा विभाग की ओर से किए सर्वे में जर्जर भवनों की संख्या एवं जमींदोज होने लायक भवनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 40-50 साल पुराने स्कूल भवन भी बताए जा रहे हैं। इसमें राहत की बात यह है कि राजस्थान सरकार की ओर से जारी स्टेट बजट से 42 स्कूलों को जल्द ही दुरुस्त कराने का काम शुरू करवाया जाएगा।
जिले में संचालित कई राजकीय स्कूल भवनों की स्थिति खराब है। इसमें से बेहद जर्जर भवनों की संख्या पहले 45 के करीब थी, जो अब बढकऱ 60 के करीब पहुंच गई है। इसमें मुख्य बात यह है कि कई स्कूलों में 40-50 साल पुराने कमरे बने हुए हैं। उनके पास ही नए कमरों का निर्माण हो गया है। ऐसे में बेहद जर्जर पुराने कमरों को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि इनकी संख्या में भी इजाफा हो सकता है।
चित्तौड़ जिले में 1815 राजकीय स्कूल भवन है। इसमें से शिक्षा विभाग के अनुसार 515 स्कूल भवनों को मरम्मत की दरकार है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पहले ही 174 भवनों की स्थिति बेहद खराब और जर्जर बताई जा चुकी है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के माध्यम से सरकार को भेजी जा चुकी थी। लेकिन झालावाड़ हादसे के बाद फिर से किए गए सर्वे में यह संख्या बढ़कर 250 से अधिक पहुंच गई है। हालांकि यह शिक्षा विभाग का सर्वे है। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से करवाए जा रहे सर्वे की रिपोर्ट आने पर इनकी संख्या में और इजाफा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
राजस्थान सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को स्टेट बजट से सरकारी स्कूलों में जर्जर कमरों आदि को दुरुस्त कराने के लिए राशि जारी की गई है। शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार 42 स्कूलों के लिए 458 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इससे चिन्हित स्कूलों में दुरुस्तीकरण का काम जल्द शुरू करवाया जाएगा। हालांकि इसमें से अधिकांश स्कूलों की छत खराब होने की बात सामने आई है। ऐसे में एक कमरे की छत को ठीक कराने में तीन से चार लाख रुपए का खर्च आता है।
Updated on:
04 Aug 2025 01:47 pm
Published on:
04 Aug 2025 01:46 pm