चित्तौडगढ़़. जिले में संचालित 174 सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के सिर पर मौत का साया मंडरा रहा है। शिक्षा विभाग भी इन स्कूल भवनों को जर्जर और क्षतिग्रस्त मान चुका है। इसमें से अधिकांश भवनों की छतें तो कहीं पर दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई है। इन भवनों का निर्माण 30-40 वर्ष पहले हुआ था। समय के साथ भवनों का रख-रखाव नहीं होने के कारण स्थिति बहुत खराब हो गई है। हालांकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने ऐसे भवन और कक्षा-कक्षों में विद्यार्थियों को बैठाने पर पहले ही रोक लगा दी है। साथ ही वहां पर छात्र-छात्राओं की आवाजाही रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे उच्चाधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है। झालावाड़ में पिपलोदी पंचायत समिति स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने से कई बच्चों की मौत हो चुकी हैं। ऐसे में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को ऐसी घटना नहीं हो। यह सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करने की आवश्यकता है। राजस्थान पत्रिका की टीम ने कई जगह स्कूलों में जाकर हालात देखे।
निकटवर्ती चित्तौड़ी खेड़ा गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में 17 बच्चों का नामांकन है। यहां पर दो शिक्षिकाएं कार्यरत हैं। स्कूल में दो हिस्सों में कमरे बने हुए हैं। पुराने भवन की हालत खस्ता है। उसमें दरारें आ रही है। बरामदा क्षतिग्रस्त है। कमरे पर ताला लगा हुआ है। यहां पर बच्चों को बैठाया भी नहीं जाता है। लेकिन, बच्चों की आवाजाही रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। बारिश के दौरान पानी भी टपकता है। यहीं पर आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है।
शहर में गांधी नगर मोहर मंगरी कच्ची बस्ती स्थित राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालय भवन में 20 बच्चे अध्ययनरत है। यहां पर एक शिक्षक कार्यरत है। भवन की स्थिति ठीक है, लेकिन बच्चों के लिए बना शौचालय-मूत्रालय कुछ दूरी पर बना हुआ है। वहां तक जाने के लिए रास्ता तक नहीं है। बारिश के दौरान जहरीले जीव जंतुओं के दंश का अंदेशा बना रहता है। चार दीवारी के अभाव में यहां पर भेड़ बकरियां स्कूल के कमरों तक पहुंच जाती हैं।
बस्सी क्षेत्र में बल्दरखा स्थित आंगनबाड़ी भवन पर छज्जा टूटकर गिरने से आरसीसी के सरिए दिखाई दे रहे हैं। भवन के अन्दर की स्थिति खराब है। छत का प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। बारिश में पानी टपकता रहता है। छज्जा टूटकर गिर चुका है, ऐसे में झूलते छज्जे का भाग कभी भी टूटकर गिर सकता है। इससे गंभीर हादसा हो सकता है। ऐसे में इस केन्द्र को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना आवश्यक है।
बस्सी की ग्राम पंचायत विजयपुर में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय जवासिया के भवन का निर्माण 1999 में हुआ था। स्कूल में तीन कमरे बने हुए हैं। बारिश के दौरान तीनों ही कमरों में पानी टपकता रहता है। एक कमरे की स्थिति बेहद खराब है। इसमें दरार चल रही हैं और पानी टपकता है। स्कूल प्रशासन की ओर से इस कमरे को ताला लगाकर बंद कर दिया है। अब एक ही कमरे में सभी बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाई करवाई जाती है।
गंगरार उपखंड मुख्यालय स्थित पीएमश्री विद्यालय भवन की खराब स्थिति के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। नर्सरी से 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन होता है। इसमें 800 विद्यार्थी अध्ययनरत है। बरसात के दौरान पानी कमरों में टपकता रहता है। सीलन बनी रहती है। कमरों के दरवाजे व खिडक़ी खराब होने से ठेकेदार ने हटा दिए। पुस्तकालय कक्ष में पानी टपकने से किताबें खराब हो रही है। एक वर्ष पहले करीब 15 लाख रुपए भवन की मरम्मत के लिए पास हुए थे, अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
चित्तौड़ में मानपुरा ग्राम पंचायत के सिरडी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन की हालत खराब है। स्कूल के बरामदे की एक पट्टी टूटी हुई है। टूटी पट्टी दूर से साफ दिखाई देती है, जो कभी भी गिर सकती है। हालांकि यहां पर बच्चों एवं स्टॉफ की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है। टूटी पट्टी के साथ अन्य पट्टियां भी गिर सकती है। इससे गंभीर हादसा होने का अंदेशा बना रहता है।
Published on:
26 Jul 2025 10:56 am