जामुनझिरी में नगर निगम के कचरा डंपिंग सेंटर में आग अभी तक बुझ नहीं सकी है। आग 20 अप्रैल से लगी हुई है। नगर निगम के अधिकारी बारिश के भरोसे थे लेकिन कचरा डंपिंग सेंटर में आग अंदर ही अंदर सुलग रही है। नगर निगम कर्मचारियों ने केवल एक बार ही प्रयास किए। उसके बाद शांत हो गए।
जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर जामुनझिरी स्थित कचरा डंपिंग सेटर में अप्रैल महीने में नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने तत्काल छह फायर ब्रिगेड का इंतजाम किया था। इस दौरान करीब 150 टैंकर पानी और 40 लीटर फोम का स्प्रे किया था। उस समय बताया गया था कि कचरे के पहाड़ में बनी मीथेन गैस की अधिकता के कारण आग पर काबू पाना कठिन है। मीथेन एक ’वलनशील गैस है, जो ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही भड़क़ जाती है। तुरंत ये आग बुझती दिखाई दी लेकिन फिर कहीं न कहीं इसकी चिंगारी कचरे के विशाल ढेर में दबी रही। जैसे ही हवा चलती है,वैसे ही यह आग जोर पकड़ लेती है। कहीं न कहीं धुआ उठता दिखाई देता है। इतनी बारिश होने के बावजूद कहीं न कहीं यह चिंगारी का प्रभाव बना हुआ है। अभी भी जामुनझिरी कचरा सेंटर में जाओ तो धुआं उठता हुआ दिखाई देता है।
नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने एक बार ही आग को बुझाया। फिर दोबारा इस कचरा घर की सुधि नहीं ली है। कर्मचारी बताते हैं कि यह आग पूरी तरह बुझी नहीं बल्कि अंदर ही अंदर सुलग रही है। भविष्य में ये चिंगारी कहीं न कहीं आग भडक़ा सकती है। इसके लिए दोबारा से प्रयास किए जाने चाहिए। जिले में अभी तक 597.& मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। इनमें एक जून से अभी तक तहसील छिन्दवाड़ा में 51&.2 बारिश हो चुकी है। इस रिकार्ड से लगता है कि जामुनझिरी में पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है। इससे इस कचरा में आग बुझ नहीं पाई है।
जामुनझिरी कचरा सेंटर का बोर्ड गायब हो गया है। इससे इस सेंटर की पहचान खो गई है। रिंग रोड से पता ही नहीं चल पाता है यहां कोई कचरा सेंटर है। इस पर कर्मचारियों ने भी ध्यान नहीं दिया है। नगर निगम के अधिकारियों को इसकी सूचना तक नहीं दी है। इस स्थान से बोर्ड का पता नहीं चल पा रहा है।
जिले में अभी तक 597.& मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। इनमें एक जून से अभी तक तहसील छिन्दवाड़ा में 51&.2 बारिश हो चुकी है। इस रिकार्ड से लगता है कि जामुनझिरी में पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है। इससे इस कचरा में आग बुझ नहीं पाई है।
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जामुनझिरी कचरा सेंटर में लगी आग अप्रेल में बुझा दी गई थी। कुछ स्थान पर चिंगारी शेष रह गई तो वह धीरे-धीरे बुझ जाएगी।
-अभिनव तिवारी, इंजीनियर, स्व‘छता नगर निगम।
Published on:
04 Aug 2025 10:47 am