मोगली का घर यानी पेंच टाइगर रिजर्व में लोहे के कबाड़ से बाघ की सबसे बड़ी मूर्ति बनकर लगभग तैयार है। इसी माह इसका उद्घाटन किया जाएगा। पेंच प्रबंधन ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हस्ते कराए जाने की तैयारी है। इसके लिए विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय से समय मांगा है। वहां से हरी झंडी मिलते ही तारीख तय हो जाएगी।
सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही खवासा गेट से जंगल सफारी का लुत्फ उठाने वाले पर्यटकों को प्रवेश करते ही विशालकाय बाघ के स्टेच्यू का दीदार होगा। पेंच प्रबंधन ने खवासा गेट के पास ही यह स्टेच्यू बनवाया है। यह विश्व की सबसे बड़ी बाघ की प्रतिमा कहलाएगी। बाघ को रूप देने के लिए स्थानीय कलाकारों को ही चुना गया। स्टेच्यू का काम इसी वर्ष जनवरी माह में शुरू किया गया था।
पेंच टाइगर रिजर्व में जनवरी 2025 में बाघ की मूर्ति बनाने का कार्य शुरू किया गया था। इसमें लोहे की अनुपयोगी सामग्री जैसे- पुरानी साइकिल, पाइप, जंग लगी लोहे की चादरें आदि विविधतापूर्ण सामग्री का प्रयोग किया गया। लगभग सात माह के परिश्रम के बाद स्थानीय कलाकारों ने अंतिम रूप दे दिया है।
पेंच टाइगर रिजर्व में जुलाई माह से कोर जोन बंद होने के बाद पर्यटक बफर जोन में जंगल सफारी का आनंद ले ले रहे हैं। खवासा गेट से जाने वाले पर्यटक भी बाघ का की मूर्ति देखने के लिए लालायित हैं। हालांकि पेंच प्रबंधन ने अभी इसे ढंक कर रखा है। इसकी फोटो लेने की भी मनाही है। उद्घाटन के बाद ही पर्यटक इसे देख सकेंगे।
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि इंटरनेट में उपलब्ध वल्र्ड रिकॉर्ड अकादमी के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ी बाघ की मूर्ति अमेरिका के जार्जिया राज्य में है। इस मूर्ति की ऊंचाई आठ फीट और लंबाई 14 फीट है। जबकि पेंच टाइगर रिजर्व में बन रही लोहे के स्क्रैप मटेरियल की यह बाघ कलाकृति 16 फीट से अधिक ऊंची एवं 36 फीट से भी अधिक लंबी होगी।
Published on:
02 Aug 2025 10:45 am