राशन की थाली पर दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों का कब्जा था इसलिए राशन दुकानों की सूची से 7 हजार से ज्यादा अपात्रों के नाम काटे गए। ये गेहूं-चांवल मुफ्त में लेने गरीब और जरूरतमंदों की सूची में कुण्डली मार कर बैठे थे। राज्य शासन ने गरीब परिवारों को पात्रता पर्ची जारी करने से मना कर दिया था। इस पर खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने अपात्रों के नाम हटाने जांच कराई। जिस पर अपात्रोंं के नाम काट दिए गए हैं।
छिंदवाड़ा और पांढ़ुर्ना जिले की करीब 850 राशन दुकानों में प्राथमिक श्रेणी के करीब 16 लाख परिवार पात्रता सूची में थे। इनमें छिंदवाड़ा जिले के 7791 अपात्रों के नाम काटे गए है। जिससे छिंदवाड़ा में 13 लाख 16 हजार 686 नाम रह गए हैं। प्रत्येक राशन उपभोक्ता को तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल का वितरण किया जा रहा है। इस पात्रता सूची में नाम शामिल कराने अभी 12 हजार से ज्यादा लोग प्रयासरत है।
राज्य शासन ने छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिलों में इसका लक्ष्य खत्म होने से इन्हें पात्रता सूची देने से मना कर दिया है। करीब एक साल से विभाग से एक भी नाम पर पात्रता सूची जारी नहीं हो पाई है।
छिंदवाड़ा/पांढुर्ना जिले में 16 लाख पहले से पात्रता सूची में मौजूद है। फिर भी हर दिन सैकड़ों की संख्या में आवेदन पहुंच रहे हैं। हर कोई गरीब परिवार होने का दावा करते हुए राशन पाने का इच्छुक है। अधिकारी बताते हैं कि करीब 12 हजार से ज्यादा आवेदन पैंडिंग है। जिन्हें पात्रता पर्ची की जरूरत है।
शहर और पंचायत के हर वार्ड की राशन दुकानों में दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम मिल जाएंगे। जिनके पास बिल्डिंग, चौपहिया और पर्याप्त बैंक बैलेंस है। फिर भी ये लोग गरीब परिवार बनकर सरकारी राशन का उपयोग कर रहे हैं। कमलनाथ सरकार के समय इसकी जांच कराई गई थी तो लाखों लोगों के नाम सामने आए थे। उनके नाम भी काटे गए थे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संचालनालय के पास छिंदवाड़ा जिले के पात्रता पर्ची के आवेदन लम्बित हैं। इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते सीएम हेल्पलाइन में प्रतिदिन शिकायत हो रही है तो वहीं लोग जनपद से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय तक चक्कर लगा रहे हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का कहना है कि अभी अपात्र परिवारों के नाम काटे गए हैं, जल्द ही सरकार के आदेश पर नाम जोड़े जा सकते है।
छिंदवाड़ा जिले में 7791 अपात्र लोगों के नाम काट दिए गए हैं। इसकी प्रक्रिया लम्बे समय से चल रही थी। अब पात्र परिवारों के नाम शासन के आदेश से जोड़े जाएंगे।
-गंगा कुमरे, जिला आपूर्ति अधिकारी।
Published on:
01 Aug 2025 11:01 am