जिला अस्पताल में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का शर्मनाक चेहरा सामने आया। सड़क दुर्घटनाओं में घायल दो मरीजों को जब जिला अस्पताल लाया गया, तो उन्हें न एम्बुलेंस स्टाफ ने उठाया, न ही व्हीलचेयर या स्ट्रेचर जैसी बुनियादी सुविधा दी गई। ऐसे में बेहोश महिला मरीज को परिजन गोद में उठाकर इमरजेंसी तक लेकर पहुंचे, वहीं एक अन्य घायल व्यक्ति को उसके परिजन कंधे पर लादकर एक्स-रे कक्ष तक ले गए।
बमीठा थाना अंतर्गत भूरा गांव निवासी हुलिया अहिरवार (45 वर्ष) अपने दामाद के भाई और देवरानी के साथ बाइक से धमना जा रही थीं। देवगांव के पास अचानक सड़क पर गाय आ गई, जिससे बाइक असंतुलित होकर गिर गई। हुलिया को सिर में चोट लगी और वह बेहोश हो गईं। परिजन उन्हें एनएचएआई की एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाए, लेकिन यहां न तो एम्बुलेंस स्टाफ ने स्ट्रेचर दिया और न ही खुद उतारने में मदद की। मजबूर परिजन महिला को गोद में उठाकर आकस्मिक चिकित्सा विभाग तक पहुंचे।
एक अन्य मामला इमलिया निवासी नंदलाल (35 वर्ष) का है, जो रिक्शा पलटने से घायल हो गया। उसके पैर में फ्रैक्चर की आशंका थी। जब डॉक्टर ने उसे एक्सरे कराने भेजा, तो न तो किसी ने व्हीलचेयर दी और न ही वार्डबॉय ने कोई मदद की। ऐसे में परिजनों ने घायल को दो लोगों के कंधे पर लादकर एक्सरे कक्ष तक पहुंचाया।
जिला अस्पताल में वार्डबॉय द्वारा जो लापरवाही की गई उससे हमें खेद है। मैं उनके नाम की सूची लेकर प्रभाव से अलग कर रहा हूं। साथ ही सिविल सर्जन को आदेशित करूंगा की भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
डॉ आरपी गुप्ता, सीएचएमओ
Published on:
30 Jul 2025 10:26 am