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जिले का पहला विद्युत शवदाह गृह एक साल पहले बनकर तैयार, शुल्क तय न होने से बंद पड़ा

शहर के सागर रोड पर स्थित भैंसासुर मुक्तिधाम में करीब 50 लाख रुपए की लागत से आधुनिक विद्युत शवदाह गृह तैयार कराया गया है। मशीनें लग चुकी हैं, इमारत पूरी हो चुकी है, बस परीक्षण और शुल्क निर्धारण बाकी है।

Electric crematorium
भैंसासुर मुक्तिधाम में तैयार विद्युत शवदाह गृह

एक बड़ी सुविधा के रूप में तैयार हुआ जिले का पहला विद्युत शवदाह गृह पिछले एक वर्ष से भैंसासुर मुक्तिधाम में यूं ही खड़ा है, लेकिन अब तक उसकी सेवा शुरू नहीं हो सकी है। निर्माण कार्य और मशीनों का इंस्टॉलेशन पूरा हो जाने के बावजूद अंतिम संस्कार के लिए यहां कोई आ नहीं पा रहा। वजह है अभी तक सेवा शुल्क तय नहीं हुआ है और मशीनों का अंतिम परीक्षण भी लंबित है।

नगरपालिका छतरपुर की मुख्य नगरपालिका अधिकारी माधुरी शर्मा बताती हैं कि शहर के सागर रोड पर स्थित भैंसासुर मुक्तिधाम में करीब 50 लाख रुपए की लागत से आधुनिक विद्युत शवदाह गृह तैयार कराया गया है। मशीनें लग चुकी हैं, इमारत पूरी हो चुकी है, बस परीक्षण और शुल्क निर्धारण बाकी है। जैसे ही परीक्षण पूरा होगा और परिषद की बैठक में सेवा शुल्क तय हो जाएगा, शहरवासियों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।

सुविधा से होंगे अनेक लाभ

बरसात के मौसम में या भीषण गर्मी में पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो जाता है। लकड़ी की भारी खपत होती है, धुआं उठता है और प्रदूषण फैलता है। विद्युत शवदाह गृह से यह समस्या दूर हो सकती है। कम समय में, कम खर्च में और अधिक स्वच्छ तरीके से अंतिम संस्कार की सुविधा उपलब्ध होगी। यही वजह थी कि नगर पालिका ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता में रखा।

वर्तमान में शहर में चार बड़े मुक्तिधाम हैं, जहां लकडिय़ों से अंतिम संस्कार होता है। हर रोज बड़ी मात्रा में लकड़ी जलती है और वायुमंडल में धुआं फैलता है। इसे देखते हुए नगर पालिका ने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए, एक लाख से अधिक आबादी वाले इस शहर में गैस और बिजली आधारित शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया था।

निर्माण की लंबी कहानी और विलंब

करीब तीन चार पहले नगर पालिका ने ठेकेदार के माध्यम से गैस आधारित शवदाह गृह के लिए निर्माण कार्य शुरू कराया था। बीच में काम कई बार रुका, फिर भी कठिनाईयों को पार करते हुए यह एक साल पहले बनकर तैयार हो गया। लेकिन इसके बाद प्रक्रिया धीमी पड़ गई। सेवा शुल्क तय करने की फाइल अब भी परिषद के पटल पर लंबित है।

शहरवासियों की उम्मीदें बढ़ीं

लोगों का कहना है कि जब लाखों रुपए खर्च कर यह सुविधा तैयार हो चुकी है तो इसे जल्द चालू किया जाना चाहिए। यह शहर के लिए गौरव और राहत दोनों का कारण बनेगा। फिलहाल नगर पालिका की अगली बैठक और मशीन परीक्षण की तारीख का इंतज़ार हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही भैंसासुर मुक्तिधाम का विद्युत शवदाह गृह जिले की जनता के लिए सेवा देना शुरू कर देगा।