चेन्नई. विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक ने रविवार को संसदीय परिसीमन पर अपनी बैठक को लेकर चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर निशाना साधा और इसे सत्तारूढ़ पार्टी की 'अक्षमताओं' को छिपाने के लिए एक 'बड़ा नाटक' बताया। अन्नाद्रमुक प्रवक्ता कोवै सत्यन ने कहा स्टालिन की अध्यक्षता में संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की बैठक जिसमें केरल के पिनराई विजयन और तेलंगाना के ए रेवंत रेड्डी सहित अन्य राज्यों के सीएम शामिल हुए, इससे यह आभास हुआ है कि यह एक नाटक है। स्टालिन द्वारा भेजे गए निमंत्रण पत्र में कहा गया था कि वह परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस अभ्यास से तमिलनाडु के सांसदों की संख्या कम हो जाएगी। दूसरी ओर तमिलनाडु के अंदर, हर गली-मोहल्ले में डीएमके यह जोर-शोर से बताने की कोशिश कर रही है कि परिसीमन अभ्यास ही गलत है। तो कौन सा सच है?स्टालिन परिसीमन नहीं चाहते या अगर परिसीमन होता है, तो इसका समाधान क्या है।
हम अन्नाद्रमुक की ओर से प्रस्ताव करते हैं कि सांसदों के मामले में तमिलनाडु के पास अभी जो 7.18 प्रतिशत का अनुपात है, उसमें बदलाव नहीं होना चाहिए, जिसे द्रमुक ने पहले (यहां) बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पारित अपने प्रस्ताव में जानबूझकर छोड़ दिया था। इसलिए यह तमिलनाडु में सभी के लिए स्पष्ट रूप से एक धारणा छोड़ता है कि द्रमुक परिसीमन की कहानी पर अड़े रहने के लिए बेताब है, जिसे वे इस सरकार की सभी अक्षमताओं और विफलताओं को छिपाकर 2026 के विधानसभा चुनावों तक आगे बढ़ाना चाहते हैं, जो भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
Published on:
24 Mar 2025 06:43 pm