Trump Tariff: भारत सरकार ने बॉर्बन व्हिस्की और कुछ प्रकार की वाइन पर आयात शुल्क में कटौती कर दी है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब अमेरिका लगातार भारतीय टैरिफ नीतियों को लेकर दबाव बना रहा था। सरकार ने बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क को 150% से घटाकर 100% कर दिया है और कुछ अन्य मादक पेय पदार्थों पर भी टैरिफ कम कर दिया है।
सरकार की नई नीति के तहत ताज़े अंगूरों से बनी वाइन, वर्माउथ, कुछ अन्य किण्वित पेय पदार्थों और 80% अल्कोहल युक्त बिना मिलावट वाले इथाइल अल्कोहल पर आयात शुल्क अब 100% होगा। इससे उन उत्पादों के आयात को बढ़ावा मिलेगा, जिनका कुल आयात पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 1 बिलियन डॉलर था। बॉर्बन के मामले में बेसिक कस्टम ड्यूटी 50% तय की गई है, जबकि 50% का कृषि उपकर भी लगाया गया है।
पिछले वर्ष बॉर्बन व्हिस्की से जुड़े दो टैरिफ लाइनों का कुल आयात 2.6 मिलियन डॉलर था, जिसमें से अमेरिका से आयात की गई मात्रा 0.8 मिलियन डॉलर थी। सरकार का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टैरिफ मुद्दों पर बातचीत होने वाली थी।
ट्रंप (Trump Tariff) ने कई मौकों पर भारत की टैरिफ नीतियों को 'अनुचित' बताया है और अमेरिकी उत्पादों को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 'प्रतिशोधी टैरिफ' की बात की है। भारत में व्हिस्की और अन्य मादक पेय पदार्थों पर ऊँचे शुल्क को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूरोपीय संघ (EU) जैसे कई देशों ने चिंता जताई थी। हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार समझौते के तहत वाइन पर शुल्क में कुछ छूट दी थी, जबकि यूके भी स्कॉच व्हिस्की पर शुल्क कम करने के लिए दबाव बना रहा है। इसी तरह, EU भी अपने उत्पादों पर कम टैरिफ चाहता है।
1 फरवरी को पेश किए गए बजट में सरकार (Trump Tariff) ने हाई-एंड बाइक्स जैसे हार्ले डेविडसन पर भी आयात शुल्क में कटौती की थी। इस कदम को अमेरिका से व्यापार वार्ता में दबाव कम करने की कोशिश के रूप में देखा गया था। हालांकि, ट्रंप ने इस मुद्दे को फिर से उठाते हुए भारत में टैरिफ (Trump Tariff) को ऊँचा बताया और इसे अमेरिकी उत्पादों के लिए अनुचित करार दिया।
भारत में शराब उद्योग और व्यापारिक समीकरणों में इस कदम का प्रभाव देखने को मिलेगा:
भारत सरकार (Modi Trump) को अब यह संतुलन बनाना होगा कि वह व्यापारिक साझेदारों की मांगों को पूरा करते हुए अपने घरेलू उद्योगों को भी सुरक्षित रख सके। व्यापार वार्ताओं के दौरान, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि शुल्क में कटौती से भारतीय उत्पादकों (Trump Tariff) को भारी नुकसान न हो। हालांकि, वैश्विक व्यापार में प्रतिस्पर्धा और भारत की 'मेक इन इंडिया' नीति को देखते हुए यह जरूरी होगा कि सरकार आयात (Trump Tariff) शुल्क में कमी के साथ-साथ घरेलू उद्योगों को भी प्रोत्साहन दे। आने वाले दिनों में इस फैसले के दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
Published on:
15 Feb 2025 09:33 am