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PM Kisan 20th Installment: किस प्रदेश को किस वर्ष में कितने रुपये मिले, जा​निए साल-दर-साल पूरी डिटेल

PM Kisan 20th installmentt: प्रधानमंत्री किसान निधि योजना (PM Kisan Yojana 2025) के तहत जुलाई में 20वीं किस्त किसानों को मिलने की उम्मीद है।

भारत

MI Zahir

Jul 03, 2025

PM Kisan Samman Nidhi
PM Kisan Samman Nidhi (पत्रिका फाइल फोटो)

PM Kisan 20th installment: भारत सरकार की ओर से PM‑Kisan सम्मान निधि योजना (PM Kisan 20th installment) के तहत पिछले कई बरसों से किसानों को वित्तीय सहायता पहुँचाने की प्रक्रिया जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते में 2,000 रुपये की अगली किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। सरकार के अनुसार 17वीं से 19वीं किस्त के 62,000 करोड़ रुपए रिलीज हो चुके हैं और 20वीं किस्त के साथ लाभार्थियों की संख्या करीब 9.8 करोड़ होगी।

किस्त संख्यामहीना व सालराशि (₹ करोड़)लाभार्थी किसान (करोड़)
17वींजून 2024₹20,000~9.26 करोड़ किसान
18वींअक्टूबर 2024₹20,000~9.40 करोड़ किसान
19वींफरवरी 2025₹22,000~9.80 करोड़ किसान

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में लाभार्थी किसान सबसे अधिक

देश में राज्यवार लाभ से जाहिर है कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में लाभार्थियों की संख्या सबसे अधिक है। ध्यान रहे कि 12 सितंबर 2019 से शुरू की गई केंद्रीय क्षेत्र की योजना "प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएमकेएमवाई)" 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के लिए एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर मासिक पेंशन का प्रावधान है, जो बहिष्करण मानदंडों के अधीन है। सभी संबंधित छोटे और सीमांत भूमिधारक किसान राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि के मालिक हैं, वे इस योजना के तहत नामांकित होने के पात्र हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा चक्र बनाना है। आगे दी जा रही सूची में लोकसभा/राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से शेयरा किए गए सन जुलाई 2023 तक के 2023‑24 के आंकड़े हैं। इस योजना के तहत जून 2023 तक 23,36,469 किसानों को नामांकित किया गया है।

पीएम किसान सम्मान निधि प्रदेशवार धनराशि 2018‑19 से 2023‑24 तक (PM Kisan state-wise payment)

राज्य / केंद्र2018‑19 (₹ करोड़)2019‑202020‑212021‑222022‑232023‑24 (जुलाई 2023 तक)
उत्तर प्रदेश223.39216.97235.76245.56242.99186.54
महाराष्ट्र425.83283.621,082.201,053.371,045.11856.01
मध्य प्रदेश18.61827.24854.27853.98764.26
गुजरात566.47564.31569.07588.43596.13451.78
बिहार4.644.38774.56829.33835.46756.63
तमिलनाडु429.70412.64445.87378.18322.99209.53
कर्नाटक64.1446.37538.48531.10518.91493.45
केरल187.16186.33348.88355.81349.77234.10
पंजाब255.09228.93190.94177.53170.7285.66
राजस्थान298.60676.64732.73725.96568.88
स्रोत: data.gov.in+1pib.gov.in+1

मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) शुरू की गई

सरकार का कहना है कि किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान के समय वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से देश में खरीफ 2016 सीजन से उपज सूचकांक आधारित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और मौसम सूचकांक आधारित पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (आरडब्ल्यूबीसीआईएस) शुरू की गई है। इस योजना के तहत, खरीफ सीजन के लिए बीमित राशि का अधिकतम 2% प्रीमियम में किसानों का हिस्सा और खाद्य और तिलहन फसलों के लिए रबी सीजन के लिए 1.5% और वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5% और एक्चुरियल/बोली प्रीमियम का शेष हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से 50:50 अनुपात में बराबर-बराबर बांटा जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों और पहाड़ी राज्यों को छोड़कर जहां बंटवारे का अनुपात 90:10 है।

अब आज किसान क्या चाहते हैं ?

किसान संगठनों ने 20वीं किस्त को लेकर केंद्र सरकार से मांग की है कि महंगाई के इस दौर में सालाना ₹6000 की राशि में वृद्धि की जाए।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि योजना की निरंतरता सराहनीय है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर भुगतान में कई राज्यों में अभी भी देरी की शिकायतें हैं।

कुछ राज्यों के विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि राज्यवार आंकड़ों में पारदर्शिता नहीं है और कई पात्र किसान अब भी वंचित हैं।

किसान निधि के मौजूदा हालात पर एक नजर

ई-केवाईसी की स्थिति राज्यवार: किन राज्यों में सबसे ज्यादा किसान ई-केवाईसी के चलते अटके हुए हैं?

डुप्लीकेट या फर्जी लाभार्थी: सरकार ने अब तक कितने अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटाया?

जिन किसानों को पैसा नहीं मिला: केंद्र या राज्य पोर्टल पर शिकायतों की संख्या और निवारण दर।

योजना के मद्देनजर सुलगते सवाल

PM-Kisan vs. राज्य सरकारों की योजनाएं: क्या केंद्र की इस योजना से राज्य की अपनी योजनाओं को टक्कर मिल रही है?

नवीन तकनीक का उपयोग: किस तरह DBT और आधार-लिंकिंग ने गड़बड़ियों को रोका ?

महिलाओं को लाभ: कितने महिला किसान लाभार्थी हैं और उनकी भागीदारी कितनी बढ़ी है?

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