Income Tax Bill 2025: भारत की संसद ने मंगलवार को 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह एक नया इनकम टैक्स बिल पास कर दिया है। यह नया बिल अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटाता है। साथ ही टैक्स से जुड़ी बातों को सरल भाषा में लिखा गया है। इस बिल के 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद है। लेकिन इस बिल में डिजिटल सर्चेज का भी प्रावधान है, जो लोगों की प्राइवेसी को प्रभावित कर सकता है। टैक्स अधिकारी आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स, ईमेल और क्लाउड स्टोरेज तक भी पहुंच सकते हैं।
फरवरी 2025 में जब संसद में इस बिल को लाया गया था, तो डिजिटल सर्चेज पर काफी विवाद हुआ था। संशोधित नए बिल में भी वर्चुअल डिजिटल स्पेस की परिभाषा को बरकरार रखा गया है। यह प्रावधान टैक्स अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति की डिजिटल जानकारी तक पहुंचने का अधिकार देता है। हालांकि, ऐसा तब ही होगा, जब व्यक्ति के खिलाफ तलाशी अभियान चल रहा हो। इस स्थिति में अधिकारी व्यक्ति के पर्सनल डिजिटल डेटा को खंगाल सकते हैं।
प्रावधान के अनुसार, जांच की स्थिति में व्यक्ति को लॉग-इन क्रेडेंशियल्स, पासवर्ड या एक्सेस कोड टैक्स अधिकारियों को देने होंगे। अगर कोई पासवर्ड नहीं मिला, तो अधिकारी दूसरे तकनीकी उपायों से वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक जबरन पहुंच सकते हैं।
वर्चुल डिजिटल स्पेस में आपके सारे सोशल मीडिया ऐप्स जैसे- इंस्टाग्राम, फेसबुक, ई-मेल, व्हाट्सएप, ट्रेडिंग अकाउंट, बैंकिंग ऐप्स, क्लाउड स्टोरेज शामिल होते हैं। आपके गैजेट्स में मौजूद डेटा भी इसमें शामिल होता है।
जब आपके खिलाफ कोई जांच या तलाशी अभियान चल रहा हो, या कोई सर्वे हो रहा हो, तो उसी स्थिति में टैक्स अधिकारी आपके वर्चुअल डिजिटल स्पेस को एक्सेस कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें आपकी इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। अगर किसी करदाता के खिलाफ इनकम टैक्स की कोई जांच चल रही है, तो अधिकारी उनके सोशल मीडिया, ईमेल, क्लाउड डेटा जैसी निजी जानकारियों तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कर विभाग तलाशी के दौरान जब्त किए गए व्यक्तिगत डिजिटल डेटा को संभालने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लाएगा।
Updated on:
14 Aug 2025 01:24 pm
Published on:
14 Aug 2025 01:23 pm