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25% टैरिफ से भारत से ज्यादा अमेरिका को नुकसान, ट्रंप के देश में बढ़ेगी महंगाई और घटेगी ग्रोथ, जानिए कैसे?

Donald Trump Latest News: भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने से अमेरिका को ज्यादा नुकसान होने वाला है। टैरिफ के कारण हर अमेरिकी उपभोक्ता को सालाना औसतन 2,400 डॉलर (करीब दो लाख रुपए) का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है।

भारत

Pawan Jayaswal

Aug 02, 2025

टैरिफ से बाहरी मांग घटने के कारण भारत में महंगाई कम हो सकती है (PC: Gemini)

ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का नुकसान भारत से ज्यादा अमेरिका को होने वाला है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला अमेरिका के लिए महंगा साबित होगा। टैरिफ के कारण हर अमेरिकी उपभोक्ता को सालाना औसतन 2,400 डॉलर (करीब दो लाख रुपए) का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है। कम आय वाले परिवारों पर इसका असर तीन गुना तक हो सकता है। इसके अलावा अमेरिका की जीडीपी में गिरावट आ सकती है। डॉलर कमजोर हो सकता है।

भारत में घटेगी महंगाई

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ से बाहरी मांग घटने के कारण भारत में महंगाई कम हो सकती है, जबकि अमेरिका में खुदरा महंगाई 2.4% तक बढ़ सकती है। लंबी अवधि में इसमें 1.2% की बढ़ोतरी बनी रह सकती है। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका हर साल करीब 3.26 ट्रिलियन डॉलर (272 लाख करोड़ रुपए) का माल दूसरे देशों से आयात करता है।

सरकार के रुख को मिला संघ का साथ

भारत पर टैरिफ थोपे जाने की घोषणा पर सरकार के स्टैंड की आरएसएस ने सराहना की है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने ट्रंप के भारत पर व्यापारिक दबाव बनाने वाले बयान पर चिंता जताई है। मंच ने कहा कि भारत को रक्षा उपकरण खरीदने व सस्ता कच्चा तेल हासिल करने का अधिकार है, जिसे दबाव से प्रभावित नहीं किया जाना का साथ चाहिए। मंच ने अमेरिका को चेताया कि भारत उभरती वैश्विक शक्ति है। अमरीका की दंडात्मक नीतियां दुर्भाग्यपूर्ण है।

अमेरिका को भी भारत की उतनी ही जरूरत है, जितनी हमें उसकी

पूर्व राजदूत जे. के. त्रिपाठी ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रेशर टेक्टिक्स अपना रहे है। पाकिस्तान पर कम टैरिफ, उसका सहयोग इसी का हिस्सा है, लेकिन अमेरिका के लिए भारत ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। ट्रेड डील को लेकर हमें टकराव का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। भारत सरकार की ओर से इसी रुख को अपनाया जा रहा है। भारत और अमेरिका दो बड़ी शक्तियां हैं, जो आमने-सामने नहीं हो सकतीं। दोनों को सहकार बनाए रखना होगा। ट्रंप की अनप्रिडिक्टेबिलिटी में एक प्रिडिक्टेबिलिटी छुपी रहती है कि वह प्रेशर के साथ शुरुआत कर मिडिल ग्राउंड तलाशते है। टैरिफ लगाने का लम्बा प्रोसेस इसका उदाहरण है। हमें भी उस मिडिल ग्राउंड को तलाशना होगा। भारत को अपनी नीतियों पर बने रहना चाहिए। भारत को जितनी जरूरत अमेरिका की है, उससे ज्यादा जरूरत अमेरिका को भारत की है।'