अमीरउद्दीन की खास रिपोर्ट
Friendship Day Special : 3 अगस्त को हर साल दोस्ती का पर्व यानी फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। कहते हैं... दुनियाभर के हर रिश्ते को किसी उदाहरण से समझाया जा सकता है, लेकिन दोस्ती ऐसा रिश्ता है, जिसे किसी उदाहरण से नहीं समझाया जा सकता। यानी दोस्त अपनी दोस्ती के लिए अपने आप में ही एक पूर्ण उदाहरण होता है। आज का दिन सेलिब्रेट करते हुए कई सोद अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप-डे की बधाई दे रहे हैं। कई सोशल मीडिया पर दोस्तो के साथ अनूठी यादें शेयर कर रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं, जिनकी दोस्ती की मिसाल ऐसी है, जिन्हें उनसे ज्यादा उन्हें जानने वाले जानते हैं। ऐसी ही एक मिसाल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहने वाले 80 साल के दो दोस्त पेश करते हैं।
शहर में एक नाम बड़ा फेमस है 'बीजेपी'। खास बात ये है कि, ये किसी राजनीतिक पार्टी का नाम होने के कारण इतना चर्चित नहीं, बल्कि शहर में रहने वाले 80 की उम्र के दो पक्के दोस्तों की दुकान का नाम (बशीर, जगदीश पार्टनर) होने के कारण फेमस है। 42 साल पुरानी दोस्ती आज भी शहर में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करती है। धर्म और जाति से ऊपर उठकर दोनों परिवारों के बीच पारिवारिक संबंध इतने मधुर हैं कि, ये हर सुख-दुख में हमेशा साथ रहकर अपनी मजबूत दोस्ती को कायम रखते ही हैं। साथ ही दूसरों के लिए हिंन्दू-मुस्लिम एकता का अनूठा संदेश बने हुए हैं।
हम बात कर रहे हैं शहर के राजपुरा इलाके में रहने वाले 77 वर्षीय जगदीश कपूर और चंद्रकला इलाके में रहने वाले 80 वर्षीय शेख बशीर की। दोनों बीते कई दशकों से एक साथ लकड़ी का व्यापार करते आ रहे हैं। अकसर लोगों का मानना है कि, दोस्तों के बीच कारोबार सफल होना बेहद मुश्किल है। कुछ तो इसे असंभव मानते हैं। लेकिन, जगदीश और बशीर को जो भी जानता है, वो उस उदाहरण को सरासर गलत ठहराते हैं।
जगदीश कपूर बताते हैं कि, हमारी दोस्ती की शुरुआत साल 1983 में हुई थी जो आज भी उसी तरह कायम है। मैं किसानों से जंगल की लकड़ियां खरीदकर शहर लाकर बशीर को बेचता था। बशीर लकड़ियों से मकान निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सेंटिंग का सामान तैयार कर ठेकेदारों को बेचता है। कुछ ही दिनों में ये व्यापार बेहद मजबूत दोस्ती में बदल गया। ऐले में बशीर और उन्होंने एक साथ पार्टनर्शिप में कारोबार शुरु किया। आज यही करोबार शहरभर में दोस्ती के साथ-साथ सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बने हुए हैं।
दोनों पक्के दोस्तों ने अपने टिंम्बर कारोबार का नाम (बशीर-जगदीश पार्टनर) यानी बीजेपी रखा है। खास बात ये है कि, ये नाम राजनीतिक पार्टी बीजेपी की स्थापना से भी काफी पहले से रखा हुआ है।
Published on:
03 Aug 2025 01:44 pm