mp news: राजस्थान के झालावाड़ जिले में 25 जुलाई को एक सरकारी स्कूल की इमारत का एक हिस्सा ढह गया (jhalawar school collapse incident), जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए। इस घटना के बाद से बुरहानपुर (burhanpur) में भी खौफ है। कलेक्टर ने जब ऐसे जर्जर भवनों की जानकारी मांगी तो मास्टरों ने 100 अधिक भवनों की सूची शिक्षा विभाग को थमा दी, कोई शिक्षक किसी भी तरह की जोखिम नहीं लेना चाहता।
राजस्थान में घटना के बाद ही कलेक्टर ने जब जर्जर भवनों की सूची मांगी तो स्कूल के हेडमास्टरों ने ऐसे 100 से अधिक भवनों को जर्जर बताकर सूची थमा दी। जब शिक्षा विभाग के इंजीनियर ने इसकी जांच करना शुरु की तो अब तक महज 15 भवन ऐसे सामने आए जो गिरने की स्थिति में है। जिनका प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर को भेजा जा रहा है। हालांकि अभी सर्व चल ही रहा है।
100 से अधिक भवन ऐसे हैं, जिनमें छतों से पानी टपकता है। ऐसे भवनों को लेकर भी मास्टर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। इसलिए बारिश में गलने वाली छतों को भी जर्जर की श्रेणी में डाल दिया। जबकि इंजीनियर का कहना है कि यह भवन गिरने की स्थिति में नहीं है इनकी दीवारे बेहतर स्थिति में है। छत निकालकर इस पर टीन डाल सकते हैं या नया छज्जा डाल सकते हैं।
जिला शिक्षा विभाग के बगल में ही शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय है, जिसकी भवन की उम्र 109 साल हो गई। 1916 में आजादी से पहले भवन बना था। पहले इस स्कूल का नाम सन रॉबर्टसन था, आजादी के बाद सुभाष स्कूल नाम रखा गया। अब भी ये भवन अच्छी स्थिति में है। इसके छत पर लगे कवेलू खराब होने की स्थिति में इसके सुधार के लिए 19 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। पहले इसी स्कूल के हॉल को ही ऑडिटोरियम बना रखा था। जहां मुय आयोजन होते थे।
कलेक्टर हर्ष सिंह ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि आवश्यतानुसार शाला भवनों की मरमत करें वही अनुपयोगी शाला भवनों को तोड़ने की कार्यवाही शीघ्र करें। इस कार्य में लापरवाही ना बरतें, प्राथमिकता के साथ यह कार्य करें। इन कार्यों में लापरवाही होने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। कहा कि अगर कोई शाला भवन या कक्ष निरीक्षण के दौरान जर्जर मिलता है या जिन्हें शिट करना है उसके संबंध में तत्काल कार्यवाही के लिए वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करें।
शिक्षा विभाग के मुताबिक एक दर्जन से अधिक गांव में भवन गिराने की स्थिति में है। इसमें इच्छापुर, बोरसल, खापरेखेड़ा, अडगांव, बिजोरी, झिरमिटी, सितापुर, डोड़फोड़िया आदि गांव शामिल है।
Published on:
02 Aug 2025 01:12 pm