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सात माह से रामगढ़ विषधारी के क्लोजर में कैद है बाघ

कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए गया 22 माह का बाघ अब भी क्लोजर में ही विचरण कर रहा है, जबकि इसे खुले जंगल के अनुकूल बनाने के लिए छोड़ा था। इसे आरवीटी 07 नाम दिया गया है।

सात माह से रामगढ़ विषधारी के क्लोजर में कैद है बाघ
बाघ

बूंदी. कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए गया 22 माह का बाघ अब भी क्लोजर में ही विचरण कर रहा है, जबकि इसे खुले जंगल के अनुकूल बनाने के लिए छोड़ा था। इसे आरवीटी 07 नाम दिया गया है। करीब ढाई साल पार कर चुका शावक अब पूर्ण रूप से बाघ के अनुरूप हो चुका है, तथा क्लोजर में तीन दर्जन से अधिक शिकार भी कर चुका है, लेकिन अब तक कैद से मुक्त नहीं किया गया है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में मां की मौत के बाद बेसहारा हुए ढाई माह के दो शावकों को कोटा के अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क में डेढ़ साल तक पाला गया और करीब 22 माह के युवा होते एक नर शावक को रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में लाया गया।
जैतपुर रेंज के रेंजर रहे चन्द्रकांत ने बताया कि दिसम्बर 2024 से अब तक पचास से अधिक चीतल, सांभर व नीलगाय का शिकार कर चुका है। बारिश के दौरान चीतल, सांभर व नीलगाय मैदानी इलाका छोड़ कर पहाड़ की ओर चले गए है। ऐसे में इन्हें पकड़ कर क्लोजर में छोडऩे में परेशानी के दौरान करीब एक पखवाड़े से मांस डाला जा रहा है। आरवीटी 07 का वजन करीब दो सौ किलो पार कर गया था तथा अब यह पूर्ण रूप से व्यस्क हो चुका है। तथा बाहर जाने के लिए जद्दोजहद करता नजर आता है।

कॉलर आईडी बदली
शावक को क्लोजर में छोड़े जाने के दौरान कॉलर आईडी भी पहनाई गई थी, लेकिन क्लोजर में शिकार व मांस खा कर तंदुरस्त हुए शावक के गत दिनों कॉलर आईडी फंसने
लगी थी। ऐसे में ट्रंकुलाइज कर वापस से कॉलर आईडी को ढीला किया गया।

तीन बार हो चुके है आमने सामने
चन्द्रकांत ने बताया कि बाघों में अभी जंगल में एक मात्र आरवीटी 01 खुले रूप से जंगल में विचरण कर रहा है। पिछले छह माह में तीन बार ऐसा हो चुका है कि क्लोजर में आरवीटी
07 व क्लोजर के बाहर आरवीटी 01 सामने हो चुके है तथा एक दूसरे पर दहाड़ भी चुके है। भविष्य में दोनों में टेरीटरी के लिए दोनों में संघर्ष होने का अंदेशा बना रहेगा।