बूंदी. जैन समाज के चल रहे दशलक्षण पर्व के तहत शनिवार को अनंत चतुर्दशी के अवसर पर जुलूस निकाला गया। चातुर्मास मीडिया प्रभारी अभिषेक जैन ने बताया कि जुलूस आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर सोत्या पाड़ा से शुरू होकर नाहर का चोहटा, तिलक चौक ,सदर बाजार ,चौमुखा बाजार, चूड़ी बाजार, मोची बाजार, काग•ाी देवरा, सेठ जी का चौक, बटक भेरू पाड़ा होते वापस सोत्या पाड़ा स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंचकर संपन्न हुआ। जहां पर भगवान के अभिषेक किए गए। जुलूस में भगवान विमान में विराजमान थे। भक्ति गीतों पर महिला पुरुषों ने जुलूस में नृत्य भी किया। जगह-जगह पर मार्ग में भजन भी प्रस्तुत किए गए। इस दौरान समाज अध्यक्ष संतोष पाटनी, मंत्री योगेंद्र जैन, उपाध्यक्ष सुनील बाकलीवाल, चातुर्मास समिति संयोजक दीपक गंगवाल सहित महिला,पुरुष, बच्चे मौजूद रहे।
डाबी. दशलक्षण महापर्व के दसवें दिन शनिवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा की गई। प्रात:काल मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक, 108 कलश से अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजन हुई। श्री 1008 दिगंबर जैन नेमीनाथ मंदिर से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। ब्रह्मचारिणी नीता ने धर्मसभा में ‘उत्तम ब्रह्मचर्य’ पर विशेष प्रवचन देते हुए बताया कि ब्रह्मचर्य केवल इन्द्रिय संयम नहीं, बल्कि आत्मा की निर्मलता, विचारों की पवित्रता और मोक्षमार्ग की सर्वोच्च साधना है।इस दौरान राजेन्द्र खटोड़, राजेन्द्र हरसोरा, राकेश हरसौरा, सुरेश कोटिया, लाभचंद धनोप्या, निर्मल पापड़ीवाल सहित अन्य मौजूद रहे।
लाखेरी. श्री 1008 ङ्क्षचतामणि पाŸवनाथ दिगंबर जैन छोटा मंदिर लाखेरी में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। प्रात:कालीन बेला में मंदिर परिसर में विशेष शांति धारा का आयोजन हुआ।
शांति धारा के पश्चात मंदिर से शोभायात्रा का आयोजन हुआ। शोभायात्रा ब्रह्मपुरी मंदिर से प्रारंभ होकर सुनारों का मोहल्ला, विजय द्वार, मुख्य बस स्टैंड होते हुए ऐतिहासिक महेश सागर तालाब की पाड पर पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की तथा महिलाओं ने कलश को अपने सिर पर धारण कर भक्ति भाव से वापस जुलूस के साथ मंदिर पह़ुंचे।शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।
भगवान वासु पूज्य के निर्वाण लड्डू चढ़ाया
नैनवां. शांति वीर धर्म स्थल पर शनिवार को नित्य नियम पूजा, भगवान का अभिषेक, पंचामृत, शांति धारा के पश्चात भगवान वासु पूज्य के निर्वाण लड्डू चढ़ाया। जैन मुनि प्रज्ञानसागर ने दसवें दिन ब्रह्मचर्य धर्म पर बताया। कहा कि जीव अपनी आत्मा के निकट आना ही ब्रह्मचर्य धर्म है। मुनि प्रज्ञान सागर ने कहा कि मन के बुरे विचारों को त्याग कर अपनी आत्मा के अंदर अच्छे गुण का प्रवेश होना ही धर्म है।
नैनवां में कल कवि सम्मेलन
पर्युषण पर्व के समापन पर दिगम्बर जैन बीस पंथ समाज के तत्वावधान मुनि प्रज्ञानसागर के सानिध्य में 8 सितंबर को शांतिवीर धर्म स्थल पर कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। कवि सम्मेलन में कवि बाबूलाल बंजारा, बुद्धि प्रकाश दाधीच, शहजाद ङ्क्षहदुस्तानी, नवीन पार्थ, सोनम जैन, वीरेंद्र विद्रोही कविता पाठ करेंगे।
Published on:
07 Sept 2025 10:16 am