देई. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इस वर्ष बरसात ज्यादा होने से उडद, सोयाबीन फसलों में पचास प्रतिशत से ज्यादा खराबा हो गया है। डूब क्षेत्र में फसले डूबने से नुकसान ज्यादा हुआ है। देई सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय क्षेत्र मे उडद सोयाबीन मक्का की फसले मुख्यत बोई गई।
जिसमें उडद का रकबा 6525 हेक्टयेर, सोयाबीन 5545 व मक्का 1240 हेक्टयेर मे बोई गई। कुल रकबा हैक्टयेर मे उड़द सोयाबीन की फसलों में पचास प्रतिशत से ज्यादा खराबा हुआ है। वही मक्का में तीस से पेतीस प्रतिशत खराबा हुआ है। किसानों ने उड़द सोयाबीन की फसलों में नब्बे प्रतिशत से ज्यादा नुकसान बताया है। देई निवासी किसान बृजसुंदर शर्मा ने बताया कि पानी में फसले रहने से उड़द, सोयाबीन की फसलें बढी नही व पत्ते पीले पड गए। अब उनमें उत्पादन नहीं होगा। जिसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पडे़गा।
जिन खेतों में धान की फसल बोई गई वही फसले होगी। चीता की झौपंडिया निवासी किसान प्रधान मीणा,गोविन्द चीता, मनराज, सुरेश, घनश्याम मीणा बाक्यां निवासी किसान रामबिलास मीणा, शोजीलाल मीणा, सीताराम मीणा, भजनेरी निवासी किसान गोपाल, प्रधान, महावीर ने बताया कि इस वर्ष लगातार जारी बारिश से फसले जलमग्न रहने से खराब हो गई, जिससे उपज किसानों को नहीं मिलेगी। सरकार को किसानो की फसलो का सर्वे करवाकर मुआवजा राशि देनी चाहिए। सहायक कृषि अधिकारी देई लेखराज मीणा ने बताया कि क्षेत्र में कुल बोये गए रकबे मे उडद सोयाबीन में पचास व मक्का मे तीस से पेतीस प्रतिशत नुकसान हुआ है।
खराबे का सर्वे करवा कर, मुआवजे की मांग की
डाबी. ग्राम पंचायत लाम्बाखोह की सरपंच भंवर कंवर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर अत्यधिक बारिश के कारण लाम्बाखोह सहित आसपास के क्षेत्र में हुए खराबे का सर्वे करवाने की मांग की है। सरपंच ने पत्र के माध्यम से अवगत करवाया की तेज बारिश के कारण व ऐरू नदी के उफान पर आने से लाम्बाखोह सहित आसपास के खेत जलमग्न हो गए। जिससे किसानों की खरीफ की फसल नष्ट हो गई। ग्राम पंचायत के सैकड़ों किसान खेती पर ही निर्भर है। फसल नष्ट होने के कारण किसानों का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। सरपंच में लोकसभा अध्यक्ष से जल्द खराबे का सर्वे करवा कर किसानों को उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की है।
Published on:
30 Jul 2025 06:35 pm