नैनवां. उपखण्ड के अरण्या गांव के सात कमरों वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय के गिरने की स्थिति देख पूरे भवन को डेमेज घोषित कर दिए जाने से विद्यालय खुले आसमान के नीचे विद्यालय के मैदान में संचालित हो रहा है। विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक कक्षाएं संचालित है। जिनमे 110 विद्यार्थी पढ़ रहे है। विद्यालय में बरसात से बचने व छाया की व्यवस्था नहीं होने से बरसात आते ही या तेज धूप होते ही बच्चों की छुट्टी करनी पड़ रही है।
सात कमरों वाले विद्यालय के सभी कमरों की दीवारों में दरारें आने व छत की पट्टियां टूट हुई है। विद्यालय क्षतिग्रस्त भवन में ही संचालित हो रहा था। झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में विद्यालय भवन के ढहने की घटना के बाद विद्यालयों के भवनों की स्थिति देखने आए अधिकारियों की टीम ने भवन की जर्जर स्थिति देखकर पूरे भवन को ही डेमेज घोषित कर विद्यालय भवन को खाली करवाकर सभी कमरों के ताले लगवा दिए। तब से ही विद्यालय खुले आसमान के नीचे संचालित हो रहा है।
प्रधानाध्यापक का कहना
विद्यालय के प्रधानाध्यापक नितेश कुमार दाधीच ने बताया कि विद्यालय का पूरा भवन जर्जर स्थिति होने से भवन का निरीक्षण करने आई अधिकारियों ने भवन को डेमेज घोषित करने के बाद भवन को ताले लगाकर बंद कर दिया। एक सप्ताह से विद्यालय के बाहर मैदान में ही खुले में कक्षाएं संचालित हो रही है। छाया की व्यवस्था नही होने बरसात आते ही व धूप तेज होते ही बच्चों की छुट्टी करनी पड़ जाती है।
आठ कक्षाओं में 110 विद्यार्थी
विद्यालय में 110 विद्यार्थी अध्ययनरत है। जिनमे आठवी में 11, सातवी में 15, छठी में 11, पांचवी में 12, चौथी में 9, तीसरी में 17, दूसरी में 9 व पहली में 5 विद्यार्थी अध्ययनरत है।
Published on:
05 Aug 2025 07:19 pm