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ऑउटसाइडर का दर्द: साढ़े तीन साल की उम्र में एक्टर ने पिता को खोया, बेटे को स्टार बनाने के लिए मां आज भी कर रही है संघर्ष

बेटे के लिए मां के हौसले को सलाम: एक ऑउटसाइडर के लिए फिल्म इंडस्ट्री में नाम बनाना कितना मुश्किल है, आज ये बात आप जान जाएंगे। लेकिन कहते हैं न, जिनके सर पर मां का हाथ होता है- ‘हर मुश्किल छू मंतर (आसान) हो जाती है।’

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मुंबई

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Saurabh Mall

Nov 01, 2025

Susovan Sonu Roy

एक्टर सुशोभन सोनू राय (इमेज सोर्स: पत्रिका)

अभिनेता सुशोभन सोनू राय का संघर्ष: फिल्म इंडस्ट्री की चमक-दमक के पीछे अक्सर संघर्ष, आंसू और हौसले की कहानियां छिपी होती हैं। यही कहानी है उस अभिनेता की, जिसने साढ़े तीन साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया, लेकिन मां ने उसके सपनों को टूटने नहीं दिया। बेटे के स्टार बनने के सफर में वो आज भी उसके साथ चट्टान बनकर खड़ी हैं। यह सिर्फ एक एक्टर की नहीं, बल्कि एक मां के जज्बे की कहानी है, जो साबित करती है कि जब इरादे मजबूत हों, तो आउटसाइडर भी सितारों की भीड़ में अपनी चमक बिखेर सकता है।

कौन है ये एक्टर?

ये कहानी है, अभिनेता सुशोभन सोनू राय की, जिनका जन्म हावड़ा (कोलकाता) में हुआ। जब एक्टर महज साढ़े तीन साल के थे, तब उनके पिता का (सन् 2000 में) देहांत हो गया। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी अब मां के कंधे पर थी। ऐसे में उन्होंने सोनू को कैसे पाला? चलिए जानते हैं।

मां के किरदार पर बोले एक्टर

पत्रिका.कॉम के सौरभ मल्ल ने उनके संघर्ष और सपनों को लेकर बातचीत की। एक्टर ने बताया कि उनके लिए सब कुछ मां ही हैं। पिताजी के देहांत के बाद मां ने घर संभाला। वह नौकरी (जॉब) पर जाने लगीं, जो अब तक जारी है। मुझे पढ़ाया-लिखाया। बचपन से लेकर अब तक, उन्होंने (मां) किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी। हम लोग साधारण परिवार से हैं। मां का कोविड के दौरान नौकरी छूट गई थी। जो कुछ पैसे कलेक्ट हुए थे वो भी खर्च हो गए। मैंने भी पढ़ाई के दौरान जॉब किया। घर के खर्च में हाथ बटाया। मैंने दमदम मोतीझील रवींद्र महाविद्यालय से वाणिज्य स्नातक की डिग्री पूरी की। पश्चिमी नृत्य (Western Dance) का प्रशिक्षण लिया और मंच प्रदर्शनों में भाग लिया।

एक्टर ने आगे बताया कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, उनके अभिनय के अवसर कम हो गए। 2023 में उन्होंने मॉडलिंग में काम करना शुरू किया। ‘हॉलिडे इन होटल’, ‘डाबर’, ‘टाइटन आई+’, ‘वेलोसिटी आईवियर’, ‘अमेजन’, ‘स्पेंसर’, ‘कैंपस शूज’, ‘बिग बाजार’, ‘बायोटिक’ और ‘फियामा डी विल्स’ जैसे ब्रांडों के साथ सहयोग किया।

पलटी किस्मत: भाग्य ने दिया साथ

एक्टर के मुताबिक, पिछले साल (2024) में उन्होंने एक कार्यशाला में भाग लिया जहां उनकी मुलाकात निर्देशक सौमोजीत अदक से हुई। एक ऑडिशन के बाद, उन्हें फिल्म में अभिनय के लिए चुना गया।

‘टेक केयर भालोबासा’ से एंट्री

‘टेक केयर भालोबासा’ से बड़े पर्दे पर नए किरदार में अभिनेता नजर आएंगे। चार दोस्तों के रिश्तों पर आधारित बंगाली फिल्म 'टेक केयर भालोबासा' की शूटिंग 4 जुलाई 2025 से शुरू हो गई है। अभिनेता सुशोभन सोनू राय इस परियोजना के माध्यम से बड़े पर्दे पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जिसमें वे जय नाम का किरदार निभा रहे हैं।

बता दें अभिनय में उनकी भागीदारी निर्देशक पीयूष साहा के नेतृत्व में एक कार्यशाला से शुरू हुई, जहां उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक प्रशिक्षण लिया। कई ऑडिशन में भाग लेने के बाद, उन्होंने 2019 में आकाश आठ पर धारावाहिक ‘आनंदमयी माँ’ के साथ स्वर्गीय देबिदास भट्टाचार्य के निर्देशन में एक ‘वैष्णव भक्त’ की भूमिका निभाते हुए टेलीविजन पर अपनी शुरुआत की। इसके बाद वह स्टार जलशा के मोहर में और फिर उसी प्रोडक्शन हाउस की कोरापाखी में नजर आए, जहां उन्होंने अभिनेत्री परनो मित्रा के साथ एक नकारात्मक भूमिका निभाई। उनके अन्य टेलीविजन कार्यों में जी बांग्ला पर जमुना ढाकी और स्टार जलशा पर तितली और खेलाघर शामिल हैं।

एक्टर की दिली ख्वाहिश है कि वह बड़े फिल्मों-वेब सीरीज में काम करें, ताकि वो अपने एक्टिंग को और अधिक निखार सकें। उन्हें ऑउटसाइडर होने का भी दर्द है। उनके मुताबिक, फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल बहुत ज्यादा है… मौके बहुत कम मिलते हैं। कुछ काम आता भी है तो वो चिरपरिचित लोगों या फिर बड़े एक्टर को मिल जाता है।