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एक्टर बनने का जुनून…जेब में 200 रुपए, वेटर का काम किया…मजदूरों के साथ सोए, अब चमके सितारे

Harshvardhan Rane Struggle: बॉलीवुड में ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाई है और एक्टर बनने के जुनून ने उन्हें घर से निकलने पर मजबूर किया…

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एक्टर बनने का जुनून...जेब में 200 रुपए, वेटर का काम किया...मजदूरों के साथ सोए, अब चमके सितारे

(सोर्स: X @jammypants4)

Harshvardhan Rane Struggle: फिल्मी दुनिया में ऐसे कई स्टार हैं, जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर के अपनी पहचान बनाई है। सफलता पाने से पहले उन्होंने काफी स्ट्रगल किया और खुद को प्रूफ करने के लिए कड़ी मेहनत की है। आज हम आपको ऐसे ही एक फेमस एक्टर की कहानी बताने वाले हैं, जिसे कभी सिर्फ 10 रुपए की मजदूरी और एक प्लेट खाना मिलता था, लेकिन आज के समय में करोड़ों में कमा रहा है। अभी हाल ही में आई उनकी 'एक दीवाने की दीवानियत' फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फैंस के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है।

मजदूरों के साथ सोए, अब चमके सितारे

इनका नाम है हर्षवर्धन राणे, जिनकी लेटेस्ट रिलीज फिल्म 'एक दीवाने की दीवानियत' बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। आंध्र प्रदेश के राजामहेंद्रम में जन्में हर्षवर्धन राणे ग्वालियर में पले-बढ़े हैं। उनके पिता एक डॉक्टर थे, लेकिन हर्षवर्धन का डॉक्टर बनने का कोई भी इरादा नहीं था। यही कारण है कि उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में घर छोड़ दिया। उस समय उनकी जेब में सिर्फ 200 रुपये थे। राणे को ये पता था कि उन्हें एक्टर बनना है, लेकिन आगे कैसे बढ़ना है, ये मालूम नहीं था।

पिछले इंटरव्यू में उन्होंने 'हॉलीवुड रिपोर्टर' से बात की और बताया कि काफी परेशानियों के बाद हर्षवर्धन राणे ने मुंबई में अपना गुजारा किया। फिर उन्हें एक्टिंग का पहला मौका टीवी शो 'लेफ्ट राइट लेफ्ट' में मिला। हर्षवर्धन राणे ने आगे बताया कि सबसे पहला संघर्ष खाने का जुगाड़ करना था, जिसके लिए पैसे और नौकरी की जरूरत थी। फिर उन्होंने वॉशरूम ढूंढने की मशक्कत करनी पड़ती, जहां साबुन पर किसी और के बाल चिपके होते थे। इसके बाद डियोड्रेंट ढूंढने की जद्दोजहद शुरू हुई, क्योंकि मैं किचन में काम करने वाले चार-पांच मजदूरों के साथ सोता था।

हर्षवर्धन राणे का संघर्ष

हर्षवर्धन राणे सबसे पहले दिल्ली पहुंचे और छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए। दरअसल, पिछले इंटरव्यू में उन्होंने 'हॉलीवुड रिपोर्टर' से अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि, 'मैंने एक हॉस्टल मेस में वेटर का काम शुरू किया। मुझे एक एसटीडी बूथ पर रजिस्टर मेंटेन करने की भी नौकरी मिली, जिसमें मुझे रोजाना 10 रुपये मिलते थे। इसके बाद वही एक कैफे में भी काम मिला।'

घर छोड़ने के बाद 8 साल तक राणे का संघर्ष चलता रहा और फिर जाकर उन्हें अपनी एक्टिंग के लिए पैसे मिलने शुरू हुए। उनकी पहली फिल्म 'थकिता थकिता' थी, जिसके जरिए उन्होंने बड़े पर्दे पर कदम रखा। Infobix के मुताबिक, उनकी नेट वर्थ 20-25 करोड़ रुपये है। हर्षवर्धन राणे की कमाई फिल्मों के अलावा वेब शोज और ब्रांड एंडोर्समेंट्स से होती है। वहीं, हर्षवर्धन एक फिल्म के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक चार्ज करते हैं। खबर है कि 'एक दीवाने की दीवानियत' के लिए राणे ने 2-3 करोड़ रुपये फीस ली है। उनका ये सफर काफी मजेदार रहा है।


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