Kishore Kumar: किशोर कुमार, संगीत और अभिनय जगत का वो सितारा जिसकी आवाज़ जितनी मधुर थी, एक्टिंग उतनी ही दमदार। किशोर दा एक ऐसे कलाकार थे जो अपने मनमौजी अंदाज के लिए भी जाने जाते थे। शूटिंग हो या गाने की रिकॉर्डिंग, वो हमेशा सेट पर हंसी-मजाक करते रहते थे और सेट का माहौल खुशनुमा बनाये रखते थे। कहा जाता है कि लता मंगेशकर जी से उनकी दोस्ती बहुत गहरी थी। आज उनके एक ऐसे इंटरव्यू की बात करेंगे जो उन्होंने अपनी डेथ से 2 साल पहले दिया था।
साल 1985 में लता मंगेशकर जी ने किशोर कुमार का आखिरी इंटरव्यू लिया था। ये अपने आप में बड़ी बात थी कि लता मंगेशकर जी ने पहले कभी इंटरव्यू नहीं लिया था और किशोर कुमार जी ने भी उन साथ बात करने के लिए तुरंत ही हामी भर दी थी। इस इंटरव्यू में की गई हर बातचीत यादगार थी। लता जी के साथ बात करते हुए किशोर कुमार ने अपने करियर, आदर्शों, पसंदीदा संगीतकारों और कई अन्य पहलुओं पर चर्चा की।
इंटरव्यू के दौरान जब लता जी ने कुछ अफवाहों की बात की तो किशोर जी ने कहा, 'जो मेरे बारे में बातें करते हैं उनमें कुछ मेरे चाहने वाले हैं तो कुछ ना चाहने वाले। लेकिन मैं सबकी बात सुनता हूं। अब मैं थोड़ा नॉर्मल हो जाता कि… दुनिया कहती मुझको पागल, मैं कहता दुनिया को पागल। मुझे जितना पागल समझते हैं मैं हूं नहीं उतना पागल। इसे साथ ही उन्होंने कहा कि जब मुझे पागल समझ ही लिया है तो क्यों न मैं थोड़ा पागलपन कर ही लूं।
किशोर दा ने अपने इंटरव्यू में ये भी बोला कि उनको एक्टिंग से ज्यादा संगीत में इंट्रेस्ट था। जब लता जी ने उनसे पूछा कि आपको सबसे अच्छा किसमें लगता है? गाने में, संगीत निर्देशन में या फिर एक्टिंग में तो उन्होंने जवाब दिया, लता, जब मैं छोटा था उस वक़्त से मुझे गाने का शौक था और मुझे ज्यादातर इंकरेजमेंट जिनको मैं अपना गुरु मानता हूं स्वर्गीय कुंदन लाल सहगल।' इसके साथ ही उन्होंने बताया, 'संगीत को मैं पहला स्थान देता हूं और एक्टिंग जो है वो बाद में आता है, जो मैं करना नहीं चाहता था। मेरे बड़े भाई साहब अश्क कुमार जी ने बोला कि तू कर ले, दादा मुनि मुझसे एक्टिंग मत करवाओ, एक्टिंग झूठी होती है… संगीत दिल से निकलता है और दिल से जो चीज़ निकले वो दिल तक पहुंचती है। इसीलिए मैं संगीत को ज्यादा महत्त्व देता हूं।'
लता मंगेशकर और किशोर कुमार (Kishore Kumar and Lata Mangeshkar) ने इंटरव्यू के दौरान याद की अपनी पहली मुलाकात, किशोर जी कहते हैं कि, लता तुम्हें याद ही है कि हम कैसे मिले, तुम ट्रेन से आती थी, मैं भी ट्रेन से आता था, तुमने मुझे घूर कर देखा, मैंने भी तुम्हें घूर कर देखा, तुम उतरीं मैं भी उतरा, तुम तांगे में बैठी, मैं भी तांगे में बैठा। तुम बॉम्बे टॉकीज के दरवाजे पर पहुंची, मैं भी वहां पहुंचा, तुमने सोचा ये पीछा कर रहा है क्या…' और दोनों इस बात पर हंस दिए।
इसके अलावा किशोर जी ने इंटरव्यू में ये भी कहा कि मैं अब मुंबई छोड़कर एक शांतिपूर्ण जीवन जीना चाहता हूं।
किशोर कुमार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, वो प्रसिद्ध गायक, अभिनेता, संगीतकार, गीतकार, निर्माता, निर्देशक, और पटकथा लेखक थे। अपने करियर में उन्होंने हिंदी, बंगाली, मराठी, गुजराती, और भोजपुरी सहित कई भाषाओं में 2500 से अधिक गाने गाए। 1940 के दशक में अभिनय की शुरुआत करने वाले किशोर दा ने 50 के दशक में एक लोकप्रिय गायक के रूप में पहचान बनाई और आगे चलकर सिनेमा के सबसे सफल गायक बने।
Published on:
04 Aug 2025 03:52 pm