CM Yogi Biopic Ajey Latest Update: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बायोपिक 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है।
रिपोर्ट्स की मानें तो सेंसर बोर्ड (CBFC) ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है। इसी फैसले के खिलाफ फिल्म के निर्माता अब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाया है कि बोर्ड ने फिल्म देखे बिना ही रिजेक्ट कर दिया, जो गलत है। जबकि हमने सभी जरूरी दस्तावेज दिए थे।
शुक्रवार को कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने CBFC से सीधा सवाल किया कि "क्या आप फिल्म, टीजर या ट्रेलर देखे बिना ही उसका प्रमाणन आवेदन खारिज कर सकते हैं?
कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि जब फिल्म शांतनु गुप्ता की किताब 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' से प्रेरित है, जो आठ साल से सार्वजनिक डोमेन में है और जिस पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज की गई, तो फिल्म को प्रमाणन क्यों नहीं दिया गया।
अदालत ने सीबीएफसी को नोटिस जारी किया और कहा, "अगर किताब पर कोई आपत्ति नहीं, तो उससे प्रेरित फिल्म सार्वजनिक व्यवस्था कैसे बिगाड़ सकती है?"
सीबीएफसी ने दलील दी कि उसने स्क्रिप्ट और डायलॉग के आधार पर फैसला लिया, और फिल्म देखना अनिवार्य नहीं है। इस पर जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने नाराजगी जताई, क्योंकि 17 जुलाई की सुनवाई में सीबीएफसी ने कहा था कि वह नियमों के अनुसार प्रमाणन पर फैसला लेगा, फिर भी फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं की गई।
कोर्ट ने फिल्म के निर्माताओं की इस बात पर ध्यान दिया कि सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म देखे बिना ही सिर्फ एक ईमेल भेजकर उनका आवेदन खारिज कर दिया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म तो पहले ही लोगों के बीच आ चुकी है।
कोर्ट ने CBFC से पूछा कि क्या ऐसा कोई नियम है जो यह कहता हो कि किसी बड़े सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति पर फिल्म नहीं बनाई जा सकती या ऐसी फिल्मों को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता?
जस्टिस डेरे और जस्टिस गोखले की बेंच ने CBFC को सख्त लहजे में कहा कि वह आज ही साफ-साफ बताइए कि वह यह फिल्म दिखेगा या नहीं।
Published on:
01 Aug 2025 06:01 pm