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बॉक्स ऑफिस पर कमजोर पड़ रही हिन्दी की पकड़, बन रहा दक्षिण का दबदबा

सलमान खान की नई फिल्म सिकंदर के Box Office Collection को लेकर छिड़ी बहस के बीच बॉलीवुड की दक्षिण पर बढ़ती निर्भरता के खतरों को भी समझना जरूरी है। दस साल में बॉक्स ऑफिस की बदली हुई कहानी बॉलीवुड को नया अवतार लेने और अपना दम दिखाने के लिए कह रही है।

sikandar
बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

इस ईद पर आई सलमान खान (Salman Khan) की ‘सिकंदर’ को उम्मीद के मुताबिक ईदी नहीं मिल रही। आलम यह है कि सात दिन में भी फिल्म का घरेलू बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सौ करोड़ तक नहीं पहुंच पाया।

2015 से 2019 के बीच पांच वर्ष में बॉलीवुड (Bollywood) की करीब 1100 बड़ी हिन्दी फिल्में रिलीज हुईं, जबकि 2020 से अब तक 250 भी नहीं हो पाई। पिछले साल महज छह ब्लॉकबस्टर फिल्में रहीं।

2024 में बॉलीवुड की कुल बड़ी फिल्मों ने देश में जितना शुद्ध कलेक्शन किया था, 2015 में केवल पांच फिल्मों का उससे ज्यादा था। इसका एक-तिहाई (340 करोड़ से ज्यादा) अकेले सलमान खान की ‘बजरंगी भाईजान’ का था। दस साल में बॉक्स ऑफिस की बदली हुई कहानी बॉलीवुड को नया अवतार लेने और अपना दम दिखाने के लिए कह रही है।

बॉलीवुड की बुनियाद बचाना असली चुनौती

2024 में हिन्दी फिल्मों का घरेलू बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (Box Office Collection) 4679 करोड़ रुपए रहा। इसमें से करीब एक-तिहाई (1464 करोड़) दक्षिण भारतीय फिल्मों को हिन्दी में डब की गई फिल्मों से आया। ऑरमैक्स बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में ग्रॉस बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 11,833 करोड़ रुपए (हर तरह की फिल्मों का मिलाकर) रहा, जो 2023 (12,226 करोड़) की तुलना में थोड़ा ही कम था। इस तरह बॉलीवुड ने आर्थिक रूप से बिखरने से बचने का रास्ता खोज लिया है, लेकिन असली चुनौती बुनियाद बचाने की है।

2025 में बॉलीवुड का दिखेगा नया अवतार?

2024 में मूल रूप से हिन्दी में बनीं केवल छह फिल्में ही सौ करोड़ से ऊपर का कारोबार कर सकी थीं। बीते साल कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में हिन्दी की हिस्सेदारी दस साल (कोरोना काल के 2020-22 को छोडकऱ) में सबसे कम (40%) रही। यह तब है जब हिन्दी फिल्मों में दूसरी भाषाओं की डब की गई फिल्मों को भी शामिल रखा गया है।

साथ ही, इन दस सालों में टिकट का औसत दाम 92 से बढकऱ 134 रुपए हो गया है। हिन्दी फिल्मों के लिए 2024 में टिकट का औसत दर 203 रुपए रहा। साफ है, बॉलीवुड की अर्थव्यवस्था भले ही ढह नहीं रही हो, लेकिन उसकी बुनियाद हिल रही है।

तो क्या 2025 में बॉलीवुड का नया अवतार दिखेगा? अभी इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि अभी कोई खुल कर जोखिम लेने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है।

प्रोड्यूसर्स की मुश्किल

  • नुकसान के डर से लीक से हटने का जोखिम नहीं लेते और क्या चलेगा, इसका भी कुछ पता नहीं।
  • राइटर्स पर बजट का काफी छोटा हिस्सा खर्च करना और एक्टर्स फीस में कोई रियायत नहीं देते।
  • ओटीटी प्लेटफॉर्मस भी अब पहले की तरह नहीं खरीदते, मुनाफे को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं।

दर्शक दूर क्यों?


  1. नयापन नहीं




  2. महंगे टिकट




  3. ओटीटी का विकल्प




  4. स्टार्स का कम होता क्रेज

इस साल इन फिल्मों से उम्मीद

जाट (सनी देओल), हाउसफुल 5 (अक्षय कुमार और संजय दत्त), वार 2 (रितिक रोशन और कियारा आडवाणी), सितारे जमीन पर (आमिर खान), अल्फा (आलिया भट्ट)।

सिकंदर का मुकद्दर

सलमान खान की 'सिकंदर' 30 मार्च को ईद पर रिलीज की गई। तब से पांच अप्रेल तक इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 97.5 करोड़ रुपए ही रहा है।

तारीख - बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (करोड़ रु.)
30 मार्च - 26
31 मार्च - 29
1 अप्रेल - 19.5
2 अप्रेल -9.75
3 अप्रेल - 6
4 अप्रेल - 4.01

5 अप्रेल- 3.75

कुल- 97.5 (स्रोत : सैक्निक)

यह भी पढ़ें: ‘सिकंदर’ को मिली ‘एल 2 एम्पुरान’ से कड़ी टक्कर, जानें कैसा रहा बॉक्स ऑफिस पर हाल?

बॉक्स ऑफिस पर हिन्दी का कितना दम

कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में हिन्दी फिल्मों की कितनी हिस्सेदारी रही है, बीते दस साल का आंकड़ा यहां देखा जा सकता है।

साल- हिन्दी की हिस्सेदारीसाल- हिन्दी की हिस्सेदारी
2015- 45%2020-21- 27%
2016- 44%2022 - 33%
2017- 41%2023 - 44%
2018- 45%2024- 40%
2019 - 44%
Hindi Box Office Collection Table

(स्रोत: ऑरमैक्स)