50 Years of Sholay: "जब बदले की जगह, इंसाफ बना शोले का क्लाइमेक्स", Chat GPT ने लिखा फिल्म का नया Climaxबॉलीवुड की कल्ट क्लासिक 'शोले', इस साल 15 अगस्त के दिन अपनी रिलीज की 50वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, संजीव कुमार, हेमा मालिनी, जया भादुड़ी जैसे कलाकारों ने अभिनय किया था। फिल्म का हर किरदार इतना खूबसूरती से गढ़ा गया था कि आज भी जय-वीरू, बसंती, गब्बर, ठाकुर साहब, कालिया को बच्चा-बच्चा जानता है।
फिल्म शोले के गानों का भी कोई तोड़ नहीं है, होली पर अगर इस फिल्म का होली के दिन दिल खिल जाते हैं… न बजे तो होली का मजा नहीं आता। फिल्म के क्लाइमेक्स को लेकर अक्सर चर्चा होती है। रिपोर्स्ट्स के अनुसार, इमरजेंसी के दौरान फिल्म के क्लाइमैक्स को बदल दिया गया था। जबकि फिल्म के राइटर, प्रोड्यूसर इसको चेंज नहीं करना चाहते थे।
हाल ही में '120 बहादुर' के प्रमोशन के दौरान जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर ने बताया कि शोले फिल्म का आखिरी सीन बहुत दमदार था। असली एंडिंग में ठाकुर गब्बर को अपने जूतों में लगी कीलों की मदद से मार देता है। मगर उस वक्त देश में इमरजेंसी लगी हुई थी और हालात नाजुक थे और फिल्म में इस तरह के हिंसात्मक और कानून की अवहेलना करने वाले सीन को सरकार की तरफ से बदलने पर जोर दिया गया था। इसलिए सीन को दोबारा शूट करने के लिए रमेश सिप्पी ने सभी कलाकारों बुलाकर क्लाइमैक्स को फिर से शूट किया। बदले हुई इस सीन में पुलिस समय पर आकर गब्बर को पकड़ लेती है और ठाकुर और गब्बर दोनों के साथ इंसाफ होता है।
अब ये तो रही फिल्म से दो क्लाइमैक्स की बात, लेकिन अभी हम आपको फिल्म शोले के उस क्लाइमैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो न ही किसी स्क्रिप्ट राइटर ने लिखा है और न ही हमने। दरअसल, हमने सोचा कि AI के इस दौर में अगर Chat GPT से इस सीन को लिखवाया जाता तो क्या फिल्म का क्लाइमैक्स क्या होता।
"गब्बर और जय-वीरू के बीच अंतिम लड़ाई चल रही है। तेज बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट के बीच गांव के सभी लोग हिम्मत जुटाकर इस लड़ाई में शामिल हो जाते हैं। गब्बर जय को गोली मार देता है, लेकिन इस बार जय मरता नहीं बल्कि जिन्दा रहता है। वो गंभीर रूप से घायल है, पर की कगार पर नहीं।"
जय, वीरू के कहता -
"आज नहीं, वीरू… हम दोनों साथ मिलकर इस कहानी को खत्म करेंगे।".
दोनों दोस्त मिलकर गब्बर को पकड़ लेते हैं, लेकिन उसे मारने के बजाय गांव के लोगों के हवाले कर देते हैं, ताकि वह अपने गुनाहों का बोझ हर दिन महसूस करे। ठाकुर गब्बर को उसी के हथियार से नहीं, बल्कि न्याय के रास्ते सजा दिलाता है।
अंत में जय और वीरू रामगढ़ में रहकर ही गांव को बसाने में मदद करते हैं। ठाकुर, अपने परिवार की याद में स्कूल बनवाता है, जिसका नाम 'बसंती विद्यालय' रखा जाता है।
और कैमरा धीरे-धीरे दूर होता है, जबकि पृस्ठभूमि में "ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे" का धीमा, भावुक म्यूजिक बजता है।
फिल्म शोले की एंडिग तो आपने कई बार देखी होगी, लेकिन शोले की ही AI Generated ये एंडिंग आपको कैसे लगी कमेंट्स में बताइएगा।
Updated on:
12 Aug 2025 04:38 pm
Published on:
12 Aug 2025 04:35 pm