बरुण सखाजी. बिलासपुर.
बैंकिंग में नित नए बदलाव में यूपीआई के जरिए मिलने वाले पोस्टपेड्स का चलन इन दिनों अच्छा खासा देखने को मिल रहा है। आरबीआई की ट्रांजैक्शनल रिपोर्ट के मुताबिक यूपीआई पोस्टपेड और यूपीआई पर्सनल लोन में 20 फीसद की दर से वृद्धि हो रही है। विभिन्न यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर्स के जरिए यह सुविधा एनबीएफसी या अन्य नॉनबैंकिंग एजेंसिया देती हैं। यह एक तरह से क्रेडिट कार्ड की तरह ही है, जो आपके यूपीआई प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होती है।
न कागज न बहुत लंबी वेरीफिकेशन प्रक्रिया
यूपीआई पोस्टपेड यूपीआई पर हो रहे ट्रांजेक्शन, लिंक्ड खातों में बैलेंस, समय सीमा में बिल्स भुगतान, नियमित खातों में क्रेडिट और सिबिल के आधार पर बिना किसी भौतिक वेरीफिकेशन के यह सुविधा मिल जाती है। इसका फायदा ये है कि इसमें मिली धनराशि का इस्तेमाल करके यूपीआई धारक अपने छोटे-मोटे काम निपटा सकता है, जिसका बिल हर महीने की 7 तारीख तक देना होता है। इसे शुरू करने के लिए यूपीआई प्लेटफॉर्मस खुद अपनी ओर से ऑफर करते हैं।
20 फीसद की दर से बढ़ रहा यूपीआई और पोस्टपेड
यूपीआई पोस्टपेड 20 फीसद की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। साल 2021 के तीसरी तिमाही से इसने तेजी से रफ्तार पकड़ी है। इस पर लगने वाला नॉमीनल ब्याज इस सुविधा को बढ़ा रहा है। ट्रांजैक्शन रिपोर्टर में यह और बढ़ेगा।
ये हैं फायदे
अधिकतर दुकानों पर यूपीआई पेमेंट के लिए क्यूआर कोड उपलब्ध हैं। इसके ठीक उलट स्वाइप मशीनें बहुत सारे स्टोर्स पर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में क्रेडिट कार्ड स्वाइप नहीं हो पाता। क्रेडिट कार्ड में 2 फीसद का सरचार्ज भी इसमें बड़ी बाधा है। ऐसे में पोस्टपेड क्यूआर कोड के जरिए काम करता है।
यूपीआई पोस्टपेड- क्रेडिट कार्ड
- क्यूआर से भुगतान- स्वाइप मशीन से ही भुगतान
- तुरंत कोई चार्ज नहीं- तुरंत 2 परसेंट चार्ज
- 7 तारीख बिलिंग साइकल- अलग-अलग समय में
- नॉमिनल ब्याज- कोई ब्याज नहीं
- सब जगह आसान भुगतान- हर जगह नहीं चल पाता
वर्जन
यूपीआई पोस्टपेड क्रेडिट कार्ड की तरह बड़ा एमाउंट नहीं देता। यह मूलतः छोटे-छोटे भुगतान निपटाने के लिए है। क्रेडिट कार्ड इन दिनों स्वाइप मशीनों के कारण हर जगह नहीं चल पा रहा। इसलिए यूपीआई पोस्टपेड एक विकल्प के रूप में उभर रहा है।
- संजय खरे, वित्त विशेषज्ञ
Published on:
01 Feb 2022 11:23 pm