बिलासपुर.
राज्य में कोरोना की गाइडलाइन खत्म करने को लेकर काम शुरू हो चुका है। इसे लेकर जिलावार असेसमेंट किया जा रहा है। आने वाले कुछ ही दिनों में यह पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएगी। इसका अर्थ यह नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से चला गया। असल में सरकारों के सामने यह बड़ा तकनीकी संकट खड़ा हो गया है कि वे अगर कोरोना के समाप्त होने की घोषणा करते हैं तो फंस सकते हैं। चूंकि मेडिकली अभी यह नहीं कहा गया है कि कोरोना के हर वैरिएंट्स को खोज लिया गया है और इनका इलाज भी खोजा जा चुका है। इसलिए सरकारें सब कुछ स्पष्ट होते हुए भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।
आईसीएमआर या डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी नहीं
इस मामले में अभी तक भारत की सबसे बड़ी मेडिकल रिसर्च एजेंसी आईसीएमआर और विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संगठन विश्व स्वास्थ संगठन ने कोरोना के पूरी तरह से निष्प्रभावी होने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। ऐसे में सरकारों के सामने इसका कोई मेडिकल ग्राउंड नहीं हैं। वहीं आईसीएमआर भी अभी डब्ल्युएचओ की तरफ देख रहा है।
फिर भी बेहतर है रखें सावधानी
गाइडलाइन सिर्फ इसलिए खत्म की जा सकती हैं ताकि आम लोगों को दिक्कत न हो। लेकिन अभी बेहतर यही होगा कि सामान्य जन इस गाइडलाइन के मुताबिक ही कोविड बीहैवियर करें।
केंद्रीय विभागोंं में भी आएंगे निर्देश
इस संबंध में जल्द ही केंद्रीय विभागों में भी निर्देश जारी किए जा सकते हैं। कोरोना गाइडलाइन खत्म करने का अर्थ यह नहीं कि इन्हें दोबारा से लागू नहीं किया जा सकेगा। यह अस्थायी तौर पर हटाई जा सकती है। कोरोना के मामले बढ़ते ही फिर से इसकी बहाली मान ली जाएगी। 24 मार्च से जारी इस गाइडलाइन को 2 साल 11 महीनेेपूरे हो चुके हैं। महामारी इतिहास में इतनी लंबी गाइडलाइन कभी जारी नहीं की गई।
Published on:
23 Feb 2022 01:14 am