बरुण सखाजी. बिलासपुर
आरबीआई के निवेश डेटा के मुताबिक लोगों में म्युचुअल फंड के प्रति जागरूकता बढ़ी है। 2015 तक जहां 100 में सिर्फ 3 लोग ही म्युचुअल फंड में निवेश करते थे तो वहीं साल 2021 तक आते-आते यह संख्या 12 तक पहुंच गई है। इस हिसाब से देखें तो एसआईपी में प्रोविडेंट फंड के बाद म्युचुअल लोकप्रिय हो रहा है। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से होमलोन के ब्याज से बचने के लिए भी किया जा रहा है। हालांकि इसका होमलोन से सीधा कोई वास्ता नहीं है, लेकिन अगर इसे स्मार्ट तरीके से नियोजित किया जाए तो यह होमलोन के ब्याज के बराबर उतनी अवधि में रिटर्न कर सकता है।
होमलोन का ब्याज बचाने म्युचुअल फंड सही विकल्प
निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक म्युचुअल फंड जोखिम के अधीन निवेश तो है, लेकिन इसमें उतना संकट नहीं। बीते कुछ सालों के आंकड़े कहते हैं, इसका रिटर्न लगभग 15 फीसद तक रहा है। कुछ मामलों में तो यह 25 फीसद तक रिटर्न देने वाला निवेश रहा है। अगर किसी ने होमलोन के साथ ही म्युचुअल फंड को नियोजित किया है तो यह वास्तव में ब्याज की रकम लौटा सकता है।
ऐसे बचा सकते हैं होमलोन का ब्याज
यह बैंक से लिए जाने वाले होमलोन के साथ तो नहीं मिलता, लेकिन आप एक हाथ से होमलोन लें और दूसरे हाथ से म्युचुअल फंड तो यह बराबर अवधि में होमलोन के ब्याज के बराबर या उससे अधिक वापस कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर किसी ने 20 लाख रुपए का होमलोन 7 फीसद की ब्याजदर से 20 वर्षों के लिए लिया है, तो यह ईएमआई के रूप में 20 वर्षों में लगभग 40 लाख रुपए तक लौटाना होगा। इसी के साथ अगर वह म्युचुअल फंड भी लेते हैं तो इन 20 वर्षों में यह निवेशक को 15 से 20 फीसद तक रिटर्न दे सकता है। 20 लाख की 7 फीसद पर किस्त लगभग 17 हजार बनेगी और साथ में म्युचुअल फंड निवेश लेते हैं तो 1 हजार रुपए मासिक का निवेश कर सकते हैं। यानी हर महीने 17 की जगह निवेशक अगर 18 हजार रुपए देगा तो 20 सालों में वह बतौर म्युचुअल फंड वह 2 लाख 40 हजार रुपए निवेश करेगा। अगर यह 15 फीसद भी रिटर्न देता है तो तो होमलोन में लगने वाले ब्याज की रकम से अधिक वापस पा सकता है।
वर्जन
म्युचुअल फंड लंबे समय के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है। आरबीआई के निवेश से जुड़े आंकड़ों में 2015 की तुलना में 2021 तक इसमें लगभग 10 से 20 फीसद की वृद्धि हुई है।
- अंकित गर्ग, निवेश सलाहकार
Published on:
09 Feb 2022 07:59 pm