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हर घर तिरंगा अभियान में ‘नारी शक्ति’ का परचम, गनियारी की दीदियां बुन रहीं देशभक्ति…

Har Ghar Tiranga 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जिलेभर में हर घर तिरंगा अभियान का उत्साह है।

हर घर तिरंगा अभियान में ‘नारी शक्ति’ का परचम(photo-patrika)
हर घर तिरंगा अभियान में ‘नारी शक्ति’ का परचम(photo-patrika)

Har Ghar Tiranga 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जिलेभर में हर घर तिरंगा अभियान का उत्साह है। इस राष्ट्रीय अभियान में गनियारी की महिलाएं न केवल सहभागिता निभा रही हैं, बल्कि तिरंगे निर्माण के जरिए देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही हैं।

Har Ghar Tiranga 2025: झंडा नहीं, समान की सिलाई

गनियारी स्थित नारी शक्ति गारमेंट फैक्ट्री में बिहान योजना से जुड़ी 30 स्व-सहायता समूहों की 100 से अधिक महिलाएं दिन-रात मिलकर तिरंगा बना रही हैं। उनका लक्ष्य है डेढ़ लाख तिरंगा तैयार करना।

इस कार्य में जुटी महिलाओं के लिए यह केवल आय का साधन नहीं, बल्कि गौरव और आत्मसमान का स्रोत बन चुका है। झंडे की हर सिलाई में वे न केवल हुनर दिखा रही हैं, बल्कि उसमें राष्ट्रप्रेम भी बुन रही हैं। धागा कातने से लेकर सिलाई, प्रेसिंग और पैकिंग तक का सारा कार्य महिलाएं स्वयं कर रही हैं। इससे उन्हें प्रतिदिन रुपए 500 तक की अतिरिक्त आय भी हो रही है। इससे वे स्वावलबी भी बन रही हैं।

राष्ट्रप्रेम और नारी सशक्तिकरण का संगम

यह अभियान केवल देश के प्रति प्रेम ही नहीं जगा रहा, बल्कि महिला शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त और सामाजिक रूप से समानित भी कर रहा है। दीदियों का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता इस अभियान की असली उपलब्धि है। इसमें भागीदारी कर रहीं गनियारी की महिलाएं यह संदेश दे रही हैं कि जब बात देश की हो, तो नारी शक्ति हर मोर्चे पर आगे होती है।

स्व-सहायता समूह की दीदी राजेश्वरी यादव और नंदिनी साहू बताती हैं कि यह कार्य उन्हें गौरव की अनुभूति कराता है। उन्होंने गर्व से कहा, ‘हम हर रोज़ तिरंगे के साथ अपना समर्पण भी सी रहे हैं।’ तिरंगा बनाना उनके लिए किसी बड़े उत्सव से कम नहीं है। नारी शक्ति गारमेंट फैक्ट्री की अध्यक्ष मीना मानिकपुरी ने बताया कि उन्हें विभिन्न विभागों और संस्थानों से झंडे के ऑर्डर मिल रहे हैं।

समूह की महिलाएं पूरी लगन से कार्य कर रही हैं ताकि तय समय पर लक्ष्य पूरा हो सके। जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल कहते हैं । इस बार भी जिले में तिरंगा निर्माण का जिमा बिहान की दीदियों को सौंपा गया है। तैयार तिरंगे जिला पंचायत परिसर सहित अन्य स्थानों पर लगे स्टालों के माध्यम से आम नागरिकों को कम कीमत पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।