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इस प्रदर्शनी में रेडियों सुना रहे अपने स्व​र्णिम युग की कहानी

रियासत काल से रेडियो हमारे जीवन का अ​भिन्न अंग रहा है। बदले समय के साथ आज भले ही रेडियों की उपयोगिता कम हो गई हो, लेकिन एक समय ऐसा भी रहा है, जब सूचनाओं को त्वरित रूप से आमजन तक पहुंचाने के साथ यह मनोरंजन का माध्यम भी रहा है। इन्ही रेडियों के करीब एक शताब्दी पुराने स्व​र्णिम युग को प्रद​र्शित करती एक प्रदर्शनी बीकानेर में प्रद​र्शित की गई है। इस प्रदर्शनी में रियासतकाल से आधुनिक काल तक चलन में आए दुर्लभ, अनूठे एवं विंटेज रेडियों को प्रद​र्शित किया गया है। नगर स्थापना दिवस के उपलक्ष में सुदर्शना कला दीर्घा में प्रद​र्शित की गई इस प्रदर्शनी का लोगों में विशेष आकर्षण बना हुआ है। प्रद​र्शनी में प्रद​र्शित अ​धिकतर रेडियों आज भी चालू ​िस्थति में है।

बीकानेर. बीकानेर नगर स्थापना दिवस समारोह के तहत राव बीकाजी संस्थान की ओर से चार दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत शनिवार को सुदर्शना कला दीर्घा में हुई। कार्यक्रमों के पहले चरण में क्लासिक, दुर्लभ व विंटेज रेडियो की तीन दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हुई। इस प्रदर्शनी में संग्रहकर्ता दिनेश माथुर के संग्रह में से 100 दुर्लभ रेडियों प्रदर्शित किए गए हैं। प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक सिद्धि कुमारी ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि बीकानेर में अपने तरह तरह की यह एक अनूठी प्रदर्शनी है। यह प्रदर्शनी बीकानेर के लोगों के जुनून तथा उनके शाक के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करती है।अतिथि रूप में उद्योगपति विनोद बाफना ने कहा कि उन्होंने पहली बार इस तरह की प्रदर्शनी को देखा है। राव बीकाजी संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा ने कहा कि नगर स्थापना दिवस पर संस्थान की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। संस्थान सचिव नरेंद्र सिंह स्याणी ने आभार व्यक्त किया।

विंटेज रेडियो को देख हुए आश्चर्यचकित

प्रदर्शनी के प्रभारी अजीज भुट्टा ने बताया की प्रदर्शनी के पहले दिन बड़ी संख्या में शहरवासियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर इन अनूठे, दुर्लभ और विंटेज रेडियों के संग्रहण को देखा और रेडियो के इतिहास की जानकारी प्राप्त की। संग्रहकर्ता दिनेश माथुर ने शहरवासियों को अनूठे और ऐतिहासिक रेडियो के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कमल रंगा, इरशाद अजीज, रामलाल सोलंकी, डॉ. पवन दाधीच, आत्माराम भाटी, राजेन्द्र जोशी, डॉ. फारुख चौहान, ललिता माथुर, जुगल माथुर, सुशील माथुर, आर के शर्मा, सीताराम कच्छावा, सावन पारीक, राजेश सोनी, भारत भूषण गुप्ता, दिनेश गुप्ता आदि ने प्रदर्शनी का अवलोकन अनूठे संग्रह की सराहना की।यह प्रदर्शनी 28 अप्रेल तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक खुली रहेगी। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।