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यहां शिव परिवार की प्रतिमाओं में विराजमान है गौरीशंकर

रियासतकाल से भीनासर मुरली मनोर मंदिर में ​िस्थत नर्बदेश्वर महादेव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। इस मंदिर में स्थापित भगवान गणपति, मां पार्वती के साथ भगवान गौरी शंकर की प्रतिमा मनमोहिनी और दुर्लभ है। मंदिर ​शिलालेख के अनुसार विक्रम संवत 1921 में बीकानेर रियासत के महाराजा सरदार सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

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बीकानेर. भीनासर श्रीमुरली मनोहर मंदिर परिसर में स्थित नर्बदेश्वर महादेव का मंदिर रियासत काल से जन-जन की आस्था का केंद्र है। नर्बदेश्वर महादेव मंदिर उन गिने-चुने मंदिरों में से एक हैं, जहां गणपति, मां पार्वती के साथ भगवान गौरीशंकर की प्रतिमा स्थापित है। जबकि ज्यादातर मंदिरों में गणेश, मां पार्वती के साथ भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा रहती है। नर्बदेश्वर महादेव मंदिर परिक्रमा में मौजूद शिलालेख के मुताबिक श्रीमुरली मनोहर मंदिर की स्थापना के 13 साल बाद संवत 1921 में बीकानेर रियासत के तत्कालीन महाराजा सरदार सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया। प्राण- प्रतिष्ठा के दौरान पूर्व महाराजा सपत्नीक सहभागी बने थे। मंदिर के पुजारी अशोक कुमार सेवग बताते हैं कि मंदिर में गणपति और मां पार्वती के साथ भगवान गौरी शंकर की प्रतिमा होना दुर्लभ माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान गौरी शंकर की प्रतिमा का नियमित विधि विधान से दर्शन- पूजन करने से कुंवारी कन्याओं को मनवांछित वर- घर प्राप्त होता है। उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है।

3 आकार के शिवलिंग

पुजारी के अनुसार इस मंदिर में तीन अलग-अलग आकार के शिवलिंग है। एक मुय नर्बदेश्वर शिवलिंग है और दूसरा पंचमुखी तो तीसरा सुक्ष्म शिवलिंग है। मंदिर में नंदीश्वर की दो प्रतिमाएं स्थापित है। नंदीश्वर की छोटी प्रतिमा निज मंदिर के अंदर और दूसरी बड़ी प्रतिमा बाहर है। मंदिर सुबह 5.30 बजे खुलता है, जो दोपहर 12.30 बजे तक खुला रहता है। शाम को 5.30 बजे से रात्रि में 9.30 बजे तक खुला रहता है। सावन मास में भोलेनाथ का नियमित अभिषेक श्रृंगार और आरती होती है। इसमें बड़ी संया में श्रद्धालु शामिल होते हैं।