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20 साल पहले भारत आया, कोलकाता में सूदखोरी कर रहा था अफगानी पकड़ा, हैदराबाद से नाइजीरियन गिरफ्तार

MP Crime: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चल रहा फर्जी पासपोर्ट जारी करने का खेल, ATS ने की पांचवी गिरफ्तारी, कोलकाता में 20 साल से सूदखोरी कर रहा अफगानी गिरफ्तार, तो हैदराबाद पुलिस ने एमपी पुलिस को सौंपा फर्जी वीजा के साथ रह रहा नाइजीरियन...

Fake Passport and VISA fraud Afghani and Nigerian arrested
फर्जी पासपोर्ट और वीजा का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर. (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

MP Crime: अफगानी नागरिकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के मामले में एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (ATS) ने पांचवीं गिरफ्तारी की। अफगानी अकबर (53) कोलकाता में रहकर ब्याज पर रुपए चलाता था। एटीएस ने उसे जेल भेजा है। इससे पहले एटीएस ने फर्जी पासपोर्ट (Fake Passport case) बनवाने वाले मास्टरमाइंड सोहबत खान, उसकी मदद करने वाले वन रक्षक दिनेश गर्ग और महेश कुमार सुखदान को दबोचा था। खुद को अधिवक्ता बताने वाले चंदन सिंह को गिरफ्तार किया। चंदन को छोड़ सभी रिमांड पर हैं। जांच में अब फर्जीवाड़े के तार पश्चिम बंगाल से जुड़े हैं। जिन अफगानियों के पासपोर्ट बने या आवेदन किए गए, उनमें से ज्यादातर के कोलकाता समेत अन्य शहरों में ठिकाने हैं।

20 साल पहले भारत आया था अकबर, पासपोर्ट फाड़कर फेंका

अकबर 20 साल पहले भारत आया। अपना पासपोर्ट फाड़कर फेंक दिया। पहले अलग-अलग शहरों में घूमा। छोटा-मोटा काम कर रुपए जुटाए। फिर कोलकाता में रहकर सूदखोरी करने लगा। अफगानिस्तान जाने के लिए उसे पासपोर्ट की जरूरत थी। इसी बीच सोहबत के संपर्क में आया। सोहबत ने जबलपुर में उसके फर्जी दस्तावेज बनाए। वह एक बार पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट सेवा केंद्र आया और फोटो खिंचवा कर लौट गया।

वीजा फर्जीवाड़ा: हैदराबाद में पकड़ाया नाइजीरियन, भोपाल पुलिस ने भेजा जेल

भोपला. राजधानी में पांच साल पुराने वीजा फर्जीवाड़े (VISA Fraud) में फरार 11 नाइजीरियन नागरिकों में से एक को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी कोलिंस देश छोड़कर भागने का प्रयास कर रहा था। भोपाल पुलिस के जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर हैदराबाद पुलिस ने उसे दबोचा और भोपाल पुलिस के हवाले कर दिया। कोहेफिजा टीआइ केजी शुक्ला ने बताया, कोर्ट ने उसे पहले उसे दो दिन की रिमांड में भेजा और शनिवार को जेल भेज दिया गया। अभी १० आोपी फरार हैं।

ये है मामला

2018 में 15 नाइजीनियर छात्र एजुकेशन वीजा पर भारत आए थे। भोपाल के आरकेडीएफ कॉलेज में प्रवेश लिया। वीजा समाप्त होने के बाद उन्होंने इंटेलिजेंस विभाग में फर्जी दस्तावेजों से वीजा रिन्यू कराने की कोशिश की। इनमें आरोपी पीटर जोबाटा, हैरियन एटेटे, स्टेन ओथे मुस, एबेल जैरी ओजे और अन्य शामिल थे। इस मामले में 28 जुलाई 2020 को कोहेफिजा पुलिस ने केस दर्ज किया। पुलिस की कार्रवाई से पहले दो आरोपी अमृतसर एयरपोर्ट से नाइजीरिया लौट गए। दो को 2021 में पुलिस ने गिरफ्तार किया।