Salary Hike- मध्यप्रदेश में वेतनमान बढ़ोत्तरी के स्पष्ट आदेश देने पर भी अमल नहीं किए जाने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने मामले पर सरकार से जवाब मांगा। शिक्षा विभाग से वेतनमान से संबंधित पूरी प्रक्रिया प्रस्तुत करने को कहा। मामला प्रदेश के अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों का है जिन्हें हाइकोर्ट द्वारा सातवें वेतनमान का लाभ देने का आदेश जारी किया था। करीब 6 साल पुराने इस आदेश पर अभी तक अमल नही किया गया है। इसपर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई जिसपर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया गया है।
अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के वेतन में बढ़ोत्तरी के संबंध में दायर की गई अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के बाद इस मामले में कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाते हुए शिक्षा विभाग को वेतनमान से संबंधित अब तक की पूरी प्रक्रिया पर जवाब मांगा है।
अनुदान प्राप्त शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने के लिए माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा याचिका दायर की गई थी। सन 2018 में दायर इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सन 2019 में शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार और शिक्षा विभाग से इन शिक्षकों को सातवें वेतनमान की राशि किश्तों में देने के आदेश दिए थे।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा स्पष्ट आदेश जारी किए के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया। अनुदान प्राप्त शिक्षक सातवें वेतनमान के लाभ से वंचित रहे। ऐसे में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई जिसपर सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग से वेतनमान से संबंधित पूरी प्रक्रिया की जानकारी मांगी गई है।
Updated on:
01 Aug 2025 07:42 pm
Published on:
01 Aug 2025 07:18 pm