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चक्रवात ‘मोंथा’ का असर; 4 दिन ठंडी हवाओं के साथ झमाझम बारिश, 12 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट

Cyclone Montha Impact : एमपी में आगामी 4 दिन झमाझम बारिश की संभावना है। चक्रवात 'मोंथा' परिवर्तित हुआ है। बारिश के साथ ठंडी हवाएं चलेंगी। जानें आज अपने जिले के मौसम का हाल।

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भोपाल

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Faiz Mubarak

Oct 30, 2025

Cyclone Montha Impact

चक्रवात 'मोंथा' का असर (Photo Source- Patrika)

Cyclone Montha Impact : मौसम को प्रभावित करने वाले चक्रवात 'मोंथा' में बदलाव हुआ है। मध्य प्रदेश में अगले चार दिन तक झमाझम पानी गिरेगा। बारिश के साथ ठंडी हवाएं भी चलेंगी। कई शहरों में कोहरा छाया रहेगा। आईएमडी ने आज गुरुवार को 10 से ज्यादा जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की है।

मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्ट्रांग सिस्टम सक्रिय है। अरब सागर में डिप्रेशन, बंगाल की खाड़ी में डिप डिप्रेशन के साथ उत्तरी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन भी एक्टिव है। जिसके चलते एमपी के कई जिलों बारिश होगी। आज गुरुवार को 12 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।

कहां-कितनी बारिश

सुबह साढ़े 8 बजे से लेकर शाम साढ़े 5 बजे तक प्रदेश के बड़वानी जिले में 1.5 एमएम, शहडोल में 1.5 एमएम, सीधी में एक एमएम, अनूपपुर में एक एमएम, शिवपुरकला में 0.5 एमएम और दतिया में 0.2 एमएम वर्षा हुई। मौसम केंद्र के अनुसार मेंथा तूफान कमजोर हो गया है, लेकिन अरब सागर अब दबाव और हरियाणा में ऊपरी हवा का चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के बने होने की वजह से प्रदेश के आसमान पर बादलों ने डेरा डाल रखा है। इसके चलते अगले 24 घंटों के दौरान कुछ जिलों में वर्षा हो सकती है और बाकी जगह आसमान पर बादल छाए रहेंगे। साथ में तेज हवाएं भी चलेंगी।

गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना

सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, बालाघाट और मंडला जिले में भारी बारिश होने के आसार है। इन जिलों में 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिरने की संभावना है। वहीं जबलपुर, नर्मदापुरम, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, हरदा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, कटनी, पन्ना और सिवनी में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी चलेगी।

ऐसा मौसम है सामान्य

मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है जमीन के ऊपर हवा में वाष्प की जल बूंद का संघनन कोहरा होता है, इसके लिए जरूरी है कि आर्द्रता 90 प्रतिशत या उससे अधिक होनी चाहिए, हवा की गति कम यानी 5 से 6 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही पृथ्वी की सतह का तापमान वायुमंडलीय तापमान से कम होना चाहिए। इसके अलावा कोहरे के समय दृश्यता 1 हजार मीटर से कम होनी चाहिए।