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भोपाल-इंदौर अब महानगर… ये तीन शहर भी बनेंगे ‘मेट्रोपॉलिटन सिटी’

MP News: इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन एरिया के रूप में विकसित करने के लिए लाया गया मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 मंगलवार को विधानसभा में चर्चा के बाद पारित हो गया। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भोपाल-इंदौर के बाद अब अन्य तीन शहरों के लिए भी जल्द विधेयक लाए जाएंगे।

Bhopal-Indore metropolitan Region
Bhopal-Indore metropolitan Region (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP News:इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन एरिया(Bhopal-Indore Metropolitan Region) के रूप में विकसित करने के लिए लाया गया मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 मंगलवार को विधानसभा में चर्चा के बाद पारित हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, मेट्रोपॉलिटन सिटी में हमारी प्राथमिकता इंडस्ट्रियल बेल्ट तय करने की है। रोजगारपरक उद्योग लगाए जाएंगे। महिला कर्मियों को 6 हजार और पुरुष कर्मियों को 5 हजार रुपए इन्सेंटिव दिए जाएंगे। इंडस्ट्री जहां लगेगी, वहीं हॉस्टल बनेंगे। इससे महिलाएं रात में भी काम कर सकेंगी।

जबलपुर, रीवा और ग्वालियर के लिए विधेयक जल्द

चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जबलपुर, ग्वालियर और रीवा के लिए भी जल्द विधेयक लाए जाएंगे। मेट्रोपॉलिटन सिटी में सीमावर्ती जिलों को शामिल करने के विधायकों के सुझाव पर विचार होगा। यदि इस विधेयक में कोई कमी होगी तो संशोधन के लिए दोबारा लाएंगे। वहीं, कांग्रेस ने विधेयक पर सवाल उठाए कि मेट्रोपोलिटन में शामिल क्षेत्र में रहने वाले गरीबों के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं है। इससे स्थानीय निकायों के अधिकार खत्म हो जाएंगे। किसानों की जमीन छीनने की कोशिश रही है।

मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे सीएम मोहन

नगरीय विकास मंत्री ने कहा, देश के अधिकांश मेट्रोपॉलिटन सिटी(Bhopal-Indore Metropolitan Region) का अध्ययन किया, फिर प्रारूप बना। मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के अध्यक्ष सीएम रहेंगे। जरूरत पड़ी तो नामांकित सदस्यों के अलावा विशेषज्ञों को बुलाया जा सकता है। इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा, यह आत्मनिर्भर नगर निगम है। वर्ष 2040 में कितने पानी की जरूरत है उसका प्लान अभी से बनाया है।

लवजिहाद के 283 केस, अशोका गार्डन में 8 दर्ज

प्रदेश में साढ़े चार साल में लव जिहाद के 283 मामले आए हैं। मंगलवार को विधानसभा में भाजपा विधायक आशीष गोविंद शर्मा के सवाल पर सरकार ने लिखित जवाब में ये आंकड़े बताए। विधायक ने पूछा था कि प्रदेश में 2020 से अब तक लव जिहाद के कितने केस दर्ज हुए। 18 वर्ष से कम उम्र के कितने लड़के-लड़कियां हैं, सरकार इसे रोकने के लिए क्या कर रही है।

जवाब में सरकार ने बताया- धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 283 प्रकरण में 71 नाबालिग लड़कियां हैं। इनमें से 197 केस कोर्ट में हैं। आंकड़ों के मुताबिक इंदौर का लसूड़िया और भोपाल का अशोका गार्डन थाना संवेदनशील है। लसूड़िया में 11 और अशोका गार्डन में 8 मामले दर्ज हुए। इनके अलावा इंदौर के विजयनगर में 7, खजराना में 6 और बाणगंगा थाने में 6 केस दर्ज हुए। सरकार ने कहा, एसआइटी जांच की जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने 4 मई 2024 को स्पेशल टीम बनाई है।

किसानों की जमीन: बाजार मूल्य से दें मुआवजा

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, जनता को मेट्रोपॉलिटन सिटी के नाम पर सपना दिखाया जा रहा है। जो एरिया इन शहरों के लिए तय किए जा रहे हैं, वहां रहने वाले गरीबों की सरकार ने अब तक कोई व्यवस्था नहीं की है। सरकार के पास आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं। पीथमपुर के कई इलाकों में पीने का पानी नहीं मिल रहा। मप्र की असली पहचान गांव हैं, ये खत्म हो जाएंगे। विकास के बहाने जमीन छीनने की कोशिश है। सरकार क्या किसानों की 1-2 करोड़ की जमीन की कीमत बाजार के हिसाब से देगी। मंत्री विजयवर्गीय ने विपक्ष की बताई पीथमपुर की अव्यवस्थाओं की बात स्वीकारते हुए ठीक करने का भरोसा दिया। चर्चा में कहा, इस एक्ट के बाद स्थानीय निकायों के अधिकारों को लेकर क्या होगा, यह स्पष्ट नहीं है।

मेट्रोपोलिटन सिटी से बाहर हो उज्जैन

उन्होंने कहा कि इंदौर का मास्टर प्लान जून तक लाने का वादा नगरीय विकास मंत्री ने सदन में किया था, लेकिन अब तक नहीं आया। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण बाजार मूल्य से किया जाना चाहिए। उज्जैन को मेट्रोपोलिटन सिटी(Metropolitan city) से बाहर निकाला जाए। उज्जैन के विकास के लिए सरकार अलग से प्रावधान करे। विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि इससे आदिवासियों की जमीन हड़पने का सरकार को अधिकार मिल जाएगा। फूल सिंह बरैया ने कहा कि मेट्रोपोलिटन के लिए चरनोई की जमीन चली जाएगी तो मवेशियों का क्या होगा।