
There was a confluence of joy on Choti Diwali on Devuthani Ekadashi.
भीलवाड़ा जिले में शनिवार को देवउठनी एकादशी व छोटी दीपावली का पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया। सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया। इस अवसर पर लोगों ने भगवान विष्णु का जागरण कर घरों के बाहर बनाए गए गोवर्धन की पूजाकर उनका विर्सजन किया। तुलसी विवाह हुए। शाम होते ही घर-आंगन दीपों की रोशनी से जगमग हो उठे।
गोवर्धन पूजा के साथ हुई शुभ कार्यों की शुरुआत
देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु के चार महीने के शयन काल के बाद जागरण दिवस माना जाता है। इसी दिन से विवाह सहित अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इस मौके पर लोगों ने अपने घरों के बाहर गाय के गोबर से बनाए गोवर्धन पर्वत की आकृति की पूजा-अर्चना कर उसका विर्सजन किया। तथा भगवान श्रीकृष्ण की आराधना की।
दीपों से सजे घर, तुलसी विवाह की धूम
शाम को महिलाओं ने अपने घरों के मुख्य द्वार, रसोईघर और तुलसी चौराहों पर दीपक जलाए। कई परिवारों ने पारंपरिक विधि से तुलसी का विवाह शालिग्राम भगवान विष्णु से किया, मंगल गीत गाए और सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य की कामना की।
आतिशबाजी से गूंजा शहर
रात होते ही शहर और कस्बों में बच्चों व युवाओं ने आतिशबाजी कर पर्व का उल्लास मनाया। आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठा। देर रात तक आतिशबाजी का दौर चलता रहा।
शादी-ब्याह के सीजन की हुई शुरुआत
देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह मुहूर्तों का सिलसिला शुरू हो गया। शहरों के साथ ग्रामीण अंचलों में भी शादी की तैयारियों की रौनक दिखाई देने लगी है।
Published on:
02 Nov 2025 08:51 am
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